- 59 पी.एच.डी. शोधार्थियों ने प्राप्त की डिग्री
- छात्राएं निकली छात्रों से आगे
- इसरो के चेयरमैन एस0 सोमनाथ डी.लिट की मानद उपाधि से सम्मानित
- पदमश्री डाॅ0 एच0सी0 वर्मा को मिली डी0एस0सी0 की मानद उपाधि
- हिन्दी, अंग्रेजी के साथ ही संस्कृत भाषा में भी देगा विश्वविद्यालय उपाधि
हिमशिखर खबर ब्यूरो
देहरादून: वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यू0टी0यू0) का 7वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को विश्वविद्यालय मुख्यालय सुद्धोवाला में सम्पन्न हुआ। दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं उत्तराखण्ड के राज्यपाल ले0 जनरल गुरमीत सिंह (से0नि0) द्वारा विभिन्न स्नातक/परास्नातक के 54 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक व 51 छात्र-छात्राओं को रजत पदक और 59 पी.एच.डी. शोधार्थी छात्रों को उपाधियों से नवाजा गया। स्वर्ण पदक प्राप्त करने में छात्राएं छात्रों पर रही भारी। वहीं महिला प्रौद्योगिकी संस्थान से बी0टैक0 इलैक्ट्राॅनिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन ईजीनियरिंग ब्रांच की छात्र हर्षिता शर्मा ने बी0टैक0 में ‘‘युनिवर्सिटी टाॅप’’ किया है जिन्हें ‘‘विनोद देवी अग्रवाल मेमोरियल गोल्ड मेडल’’ से भी सम्मानित किया गया है।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं उत्तराखण्ड के राज्यपाल ले0 जनरल गुरूमीत सिंह (से0नि0) ने विश्वविद्यालय कार्य परिषद की संस्तुति पर एस0 सोमनाथ, अध्यक्ष भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) बैगलूरू को डी0लिट की मानद उपाधि एवं पदमश्री प्रो0 एच0सी0 वर्मा रिटायर्ड प्रोफेसर आई0आई0टी0 कानपुर को डी0एस0सी0 की मानद उपाधि से अलंकृति किया गया है।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यपाल ले0 जनरल गुरूमीत सिंह ने दीक्षांत समारोह में उपस्थित युवाओं को उनके बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि तकनीकी क्षेत्र से जुड़े युवाओं, विद्वानों, शिक्षण संस्थानों और इस क्षेत्र के नेतृत्वकर्ताओं से मेरा आग्रह है कि वे हमारे अतीत के समृद्धशाली इतिहास को भी सामने लाएं। उन्होंने कहा कि गतवर्ष भी मुझे इस विश्वविद्यालय के छठे दीक्षान्त समारोह में छात्र-छत्राओं से बात करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज के इस दीक्षान्त समारोह में मैं एक बार फिर से उत्तराखण्ड की धरती, जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है, के इतिहास में एक महान योद्धा और विकास के पुरोधा के रूप में पहचान रखने वाले वीर माधो सिंह भण्डारी जिनके नाम पर इस विश्वविद्यालय का नामकरण हुआ है उन्हें नमन करते हुए इस धरती में जन्मे ऐसे असंख्य वीर योधाओं, बलिदानियों को भावपूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं।
कुलाधिपति एवं राज्यपाल ने अपने सम्बोधन भाषण में विश्वविद्यालय से पासआउट होकर दीक्षान्त समारोह में पदक और उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ बधाई एवं शुभाकामनाएं दी। कुलाधिपति ने कहा कि आज के इस शुभ अवसर पर मैं आपके माता-पिता, शिक्षकों और उन सभी महानुभावों को भी बधाई देता हूं जिन्होंने आपके ज्ञान, कौशल व पालन-पोषण करने में सहयोग दिया है। राज्यपाल ले0 जनरल गुरूमीत सिंह ने उदबोधन में कहा कि डिग्री और मेडल अर्जित करने के योग्य बनाने में आपके स्वयं के परिश्रम, आपकी दृढ़ता और प्रतिबद्धता का भी बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि आज का दिन तो दीक्षा का है और दीक्षान्त की हमारी परम्परा हजारों वर्षों से चली आ रही है। यह परम्पर जो भारत के ज्ञान-विज्ञान और अनुसंधान की प्राचीन परम्परा का अभिन्न अंग है और आज के समय में प्रतिभा और उत्कृष्टता के सम्मान का उत्सव है।
उन्होंने कहा कि आज से आपके जीवन में नयी संभावनासंभावनाओं के नये द्वार खुल गये हैं जिसमें विश्वविद्यालय और संस्थानों ने आपको ज्ञान और कौशल सम्पन्न बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और अब आपके पास अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का समय हैं। आपकी प्रतिभा को नये प्रतिमान देने के लिए भारत सहित पूरा विश्व आपकी प्रतीक्षा कर रहा है। कुलाधिपति एवं राज्यपाल ने विद्यार्थियों को भगवान बुद्ध की पवित्र वाणि ‘‘आत्म दीपो भवः’’ अर्थात ‘‘अपनी रोशनी स्वयं बनो’’ को जीवन में उतारने का आह्वान किया तथा कहा कि आप सभी को गुरू गोविन्द सिंह जी के पवित्र संकल्पों- ‘‘आपको अपनी शक्ति पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए’’, ‘‘शुभ कामों को करने में कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए’’ को आत्मसाथ करें।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने देश का नाम धरती के साथ-साथ अंतरिक्ष में भी अमर कर दिया है। हमारे लिए गौरवपूर्ण उपलब्धियां देने वाला इसरो पूरी मानवता के लिए महान योगदान दे रहा है। इसी इसरो के अध्यक्ष श्री एस0 सोमनाथ और बच्चों को विज्ञान के प्रति सहज रूचि और दृष्टिकोण विकसित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पदमश्री प्रोफेसर एच.सी. वर्मा को मानद उपाधियां प्रदान करना मेरे लिए बहुत ही सुखद और गौरवशाली क्षण हैं। राज्यपाल ने कहा कि पदमश्री प्रो0 एच0सी0 वर्मा द्वारा भौतिकी में ज्ञान-विज्ञान का जो साझा मिश्रण किया है वह काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि आज मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि तकनीकी विश्वविद्यालय ने देश के दो विद्धानों को मानद उपाधि से सुसज्जित कर बहुत ही सराहनीय कार्य किया है।
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय राज्य में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए कठोर परिश्रम कर रहा है और आगे उन्होंने एक और महत्वपूर्ण निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इस वर्ष से विश्वविद्यालय अग्रेजी और हिन्दी के साथ ही संस्कृत भाषा में भी अपनी उपाधियां/डिग्रियां अंकित कर रहा है जो कि संस्कृत भाषा के प्रति मेरे विजन को एक आयाम दिया है और संस्कृत, जो उत्तरखण्ड राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा है, के लिए विश्वविद्यालय की यह पहल सभी के लिए एक प्रेरणा का कार्य करेगी। जिसके लिए राज्यपाल द्वारा कुलपति प्रो0 आंेकार सिंह और उनकी पूरी टीम की सराहना की गई।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को अपने सम्बोधन में कहा कि आप जैसे ऊर्जावान युवाओं की प्रतिभा के बल पर ज्ञान, कौशल और मूल्यों के साथ विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ने का समय है और विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत, कुशल भारत, समृद्ध भारत के लक्ष्यों को पूरा करने में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और टैक्नोलाॅजी का सबसे बड़ा योगदन रहने वाला है।
इस अवसर पर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने छात्रों को रोजगार तलाशने की बजाय स्वरोजगार के अवसरों को अपनाने तथा दूसरों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए रोजगार देने वाले इंजीनियर के रूप में आपने आप को साबित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि हमे वर्तमान प्रतिस्पर्धा के युग में अपनी प्राचीन सभ्यता व संस्कृति को बचाये रखने की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्पित है। अपने सम्बोधन में मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास सीमित संसाधन होने के बावजूद विश्वविद्यालय बेहतर कार्य कर रहा है और यह सब कुलपति प्रो0 आंेकार सिंह के कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है। विगत एक वर्ष में विश्वविद्यालय में जो परिवर्तन देखने को मिले हैं वो अच्छे संकेत हैं। अंत में श्री उनियाल ने पासआउट छात्र-छात्राओं को उनके उज्ज्वल भविष्य की कामनाओं के साथ बधाई देते हुए कहा कि जीवन में आने वाली परिस्थितियों को पार करके आगे बढ़ने वाला निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करता है।
समारोह में अपर सचिव, तकनीकी शिक्षा, स्वाति भदौरिया ने भी छात्रों को उन्हें उनके उज्जवल भविष्य की बधाई व शुभकामनाएं देते कहा कि आप लोगों के लिए आज का दिन बहुत ही अविस्मरणीय है। शिक्ष्क जिन्होंने कि आपको कुशल शिक्षा ग्रहण कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि आप लोगों से प्रदेश, देश व समाज को बहुत अपेक्षाएं है और जो भी आप लोग करें उसमंे अपना बेस्ट करें। उन्होंने कहा कि जो समय निकल जाता है वह फिर लौट कर नहीं आता है। आप सभी प्रदेश व विश्वविद्यालय के ब्राण्ड एम्बेसडर होंगे ऐसा कार्य करें।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 ओंकार सिंह ने समारोह में उपस्थित सभी मेधावी छात्र-छात्राओं को बधाईयां देते हुए कहा कि आप लोगों को सदैव अग्रगामी सोच रखते हुए आगे बढ़ कर समय प्रबन्धन के साथ कठिन परिश्रम करें, सदैव लक्ष्यों का निर्धारण अपनी क्षमता और अपने दायित्वों के आलोक में करें, जीवन भर, धैर्यपूर्वक सुनने और सीखने की अपनी जिज्ञासु प्रवृत्ति को बनाये रखने की प्रक्रिया को जीवन भर कम न होने दें, सदैव चुनौतियों को स्वीकार करो और उन्हें अवसरों में बदलने का प्रयास करो। अपने पर पूर्ण भरोसा करना, हमेशा सकारात्मक रहना और प्रतिदिन आत्म चिन्तन करने जैसे ज्ञान मंत्र आने वाले भविष्य को बेहतर बनाने के लिए दिये।
विशिष्ट अतिथि पदमश्री प्रो0 एच0सी0 वर्मा ने दीक्षा ले रहे छात्र-छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज विश्वविद्यालय प्रांगण से आप जो शपथ लेकर जा रहे हैं उसे याद रखना होगा तथा देश और समाज के लिये कुछ करने का जज्बा अपने अन्दर रखना होगा। उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि तकनीकी का जो विकास हमारे देश में हो रहा है वह अद्भुत है। और यही नहीं हमारी व्यवस्था में भी क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहा है जो कि कोविडकाल खण्ड में देखने को मिला है। उन्होंने दीक्षा ले रहे छात्रों से यह भी कहा कि विश्वविद्यालय व कालेज आपके जीवन का परिवार है जिसने दक्षता, ज्ञान प्रदान किया है। ऊंची छलांग लगाने के लिए हम लोग तैयार हैं और आप लोगों के माध्यम से भारत का झण्डा बुलन्दियां छूता रहेगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी के माध्यम से पूरा विश्व आपस में गुंथा हुआ है। अंत में उन्होंने कहा कि हमें हर तरह की परिस्थितियों के लिऐ तैयार रहना होगा और आगे बढ़ते रहना होगा तथा विश्वविद्यालय, संस्थान और देश के प्रति आप सभी भारत के महान भविष्य के लिए समर्पित हैं।
दीक्षान्त समारोह में इसरो अध्यक्ष एस0 सोमनाथ द्वारा आभासीय माध्यम से विश्वविद्यालय को उत्कृष्ट तकनीकी शिक्षा देने हेतु बधाई दी।
कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 सत्येन्द्र सिंह ने समारोह में उपस्थित समस्त अतिथियों, पदक धारकों, उपाधि धारकों, शिक्षकों, कर्मचारियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनका कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए आभार व्यक्त किया गया।
दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल ले0 जनरल गुरूमीत सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल, अपर सचिव तकनीकी शिक्षा स्वाति एस0 भदौरिया, कुलपति प्रो0 ओंकार सिंह, कुलसचिव प्रो0 सत्येन्द्र सिंह, वित्त नियंत्रक श्री बी0के0 जंतवाल, परीक्षा नियंत्रक डाॅ0 वी0के0 पटेल, अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण/कुलसचिव, निजी संस्थानों के अध्यक्ष/निदेशक, कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, शिक्षकगण आदि उपस्थित रहे।