नई दिल्ली
कर विभाग ने लुधियाना के दो प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर्स के विरुद्ध तलाशी और जब्ती की कार्रवाई शुरू की। तलाशी कार्रवाई में लुधियाना के लगभग 40 परिसरों को शामिल किया गया।
दोनों समूहों के विरुद्ध इन तलाशी और जब्ती की कार्रवाई से समूहों द्वारा पैसे के रूप में संपत्ति के लेन-देन से संबंधित बेहिसाब नकदी का पता चला है। तलाशी की कार्यवाही के दौरान कुछ संपत्तियों के लिए ‘बिक्री समझौते’, (जिसे ‘बियाना’ के रूप में जाना जाता है) की प्रकृति के दस्तावेजी साक्ष्य मिले हैं और जब्त किए गए हैं। इन दस्तावेजों से संकेत मिलता है कि भूखंडों के लिए ‘बिक्री समझौते’ को भूखंड के पंजीकृत बिक्री विलेख में बताए गए प्रतिफल की तुलना में बहुत अधिक राशि/दर पर निष्पादित किया गया है। इसके अलावा, कुछ संपत्ति के लेनदेन, सॉफ्ट डेटा, संबंधित व्यक्तियों के मोबाइल फोन से चैट आदि की ऑन-मनी की गणना दिखाने वाली खुली शीट, एक्सेल शीट जैसे आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। इन साक्ष्यों का प्रारंभिक विश्लेषण स्पष्ट रूप से संपत्ति के लेनदेन पर ऑन-मनी के माध्यम से बेहिसाब नकदी की प्राप्ति को इंगित करता है। इसके अलावा, ऑन-मनी की प्राप्ति की पुष्टि करने वाले कुछ अन्य ठोस साक्ष्य भी एकत्र किए गए हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि एक प्रमुख व्यक्ति के आवासीय मकान के निर्माण पर बेहिसाब नकद खर्च किया गया है।
एक समूह में, भूमि के विक्रेताओं को किए गए भुगतान आदि के संबंध में स्रोत पर कर कटौती के प्रावधानों के अनुपालन में चूक का पता चला है।
तलाशी अभियान में विदेशी मुद्रा के अलावा लगभग 2.00 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और लगभग 2.30 करोड़ रुपए के अस्पष्टीकृत आभूषण की बरामदगी हुई है।
आगे की जांच जारी है।