भारतीय सेना ने साइबर खतरा संगोष्ठी सह कार्यशाला सैन्य रणक्षेत्रम् 2.0 का आयोजन किया

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

नई दिल्ली: सेना प्रशिक्षण कमान (आरट्रैक) मुख्यालय के अधीन भारतीय सेना ने अक्टूबर, 2022 से जनवरी 2023 तक हैकथॉन के दूसरे संस्करण- “सैन्य रणक्षेत्रम् 2.0” का आयोजन किया। इसका उद्देश्य परिचालन संबंधित साइबर चुनौतियों का समाधान तलाशना, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अभिनव समाधानों को तत्काल शुरू करना और इसके विकास में लगने वाले समय को कम करना है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने 17 जनवरी, 2023 को एक वर्चुअल समारोह के दौरान इस आयोजन के पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया।

इस आयोजन का उद्देश्य इस क्षेत्र में स्वदेशी प्रतिभा की पहचान करने के लिए एक मंच प्रदान करना और साइबर प्रतिरोध, सुरक्षा सॉफ्टवेयर कोडिंग, इलेक्ट्रो मैग्नेटिक स्पेक्ट्रम परिचालन (ईएमएसओ) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) के क्षेत्र में प्रशिक्षण के मानक को बढ़ाना था। इसमें सभी भारतीय नागरिकों को व्यक्तिगत/टीम के माध्यम से हिस्सा लेने की की अनुमति थी। इस साइबर खतरा संगोष्ठी सह कार्यशाला को चार उप-कार्यक्रमों के तहत आयोजित किया गया। इसमें निम्नलिखित गतिविधियां शामिल थीं: –

सुरक्षित सॉफ्टवेयर कोडिंग –इसका उद्देश्य सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को सुरक्षित करने के लिए शिक्षाविदों के साथ जुड़ना और सॉफ्टवेयर कोड में साइबर सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम प्रतिभा की पहचान करना था। कोयम्बटूर के साइबर सुरक्षा जानकार श्री अरविंद हरिहरन एम, जिनके पास कई प्रमाणपत्र हैं, ने इस श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त किया।

ईएसएमओ: वाई-फाई 6 के लिए अनुकूलित भारतीय सेना विशिष्ट स्टैक:- इस उप-कार्यक्रम को आयोजित करने का उद्देश्य सुरक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए सुरक्षित वाई-फाई स्टैक के भारतीय सेना के विशिष्ट संस्करण को लागू करने के संबंध में एक समाधान की तलाश करना था। इस श्रेणी में सेना मुख्यालय कम्प्यूटर केंद्र के कमांडेंट कर्नल निशांत राठी जीत प्राप्त की। वहीं, वर्तमान में एलएंडटी कंपनी के साथ काम कर रहे श्री सूर्यसारधि बालार्कन दूसरा और डार्क एनर्जी में पीएचडी कर रहीं श्रीमती तनीषा जोशी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग: एनएलपी प्रोसेसिंग और रेडियो इंटरसेप्ट्स की डिकोडिंग – इस उप-कार्यक्रम ने बहुभाषी रेडियो ट्रांसमिशनों के रूपांतरण और डिक्रिप्शन (विकोडन) को संबोधित करने के लिए एक एआई स्टैक बनाने में सहायता की। इस श्रेणी में महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित ज्ञान माता विद्या विहार के 10वीं कक्षा के 15 वर्षीय छात्र मिथिल सालुंखे ने पहला स्थान प्राप्त किया। वहीं, पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय से बीटेक (सीएस) व वर्तमान में आईआईटी मद्रास से बीएससी (डेटा साइंस) के छात्र श्री प्रशांत कुमार सिंह दूसरा स्थान और पूर्वी नौसेना कमान के मुख्यालय में तैनात नौसेना अधिकारी कमांडर सुशांत सारस्वत ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

साइबर निवारण: कैप्चर द फ्लैग (सीटीएफ) –मौजूदा साइबर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने को लेकर प्रतिभा की पहचान करने के लिए यह एक सात चरणों वाली साइबर सुरक्षा दोहन चैलेंज थी। इसके विजेता हैदराबाद में एमवीएसआर इंजीनियरिंग कॉलेज के बीई (सीएस) श्री सक्षम जायसवाल थे। वे अभी एक फ्रीलांसर के रूप में काम कर रहे हैं और उसके पास इस क्षेत्र में 15 से अधिक मूल योग्यताएं हैं। वहीं, पुणे स्थित आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एआईटी) में बीई (आईटी) के छात्र श्री प्रिंस कुमार पटेल ने दूसरा और बीकानेर स्थित महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के बीसीए की पढ़ाई करने वाले श्री हरदीप सिंह ने तीसरा पुरस्कार जीता है।

इस साइबर खतरा संगोष्ठी सह कार्यशाला ने व्यक्तियों, शिक्षाविदों और संगठनों के स्तरों पर घरेलू प्रतिभा के साथ जुड़ने की सुविधा प्रदान की है, जिससे रक्षा बलों व नागरिक अकादमिक, दोनों से साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उपयुक्त प्रतिभा की पहचान हो सके। पहचान की गई इन प्रतिभाओं का आगे केंद्रित जुड़ाव के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप साइबर सुरक्षा उपकरणों और तकनीकों का तेजी से विकास हो सकता है।

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