भारत की आत्म-निर्भरता जल संसाधनों पर निर्भर: मोदी

Uttarakhand

नई दिल्ली: विश्व जल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की आत्म-निर्भरता जल संसाधनों और जल संपर्क पर निर्भर है। कहा कि जल के प्रभावी संरक्षण के बिना भारत का तीव्र गति से विकास संभव नहीं है। सोमवार को पीएम मोदी ने विश्व जल दिवस पर ‘जल शक्ति अभियान’ की शुरूआत की। साथ ही केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के बीच हस्ताक्षर किया गया। इस मौके पर पीएम मोदी ने टिहरी जनपद के देवप्रयाग क्षेत्र अंतर्गत तुणगी प्रधान अरविंद जुयाल से जल संरक्षण को लेकर सीधा संवाद भी किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत वर्षा जल का जितना बेहतर प्रबंधन करेगा उतना ही भूमिगत जल पर देश की निर्भरता कम हो जाएगी।’’ उन्होंने देश में वर्षा का अधिकतर जल बर्बाद होने पर अपनी चिंता जताते हुए कहा, ‘‘हमारे पूर्वज हमारे लिए जल छोड़कर गए। हमारी जिम्मेदारी है कि हम भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसका संरक्षण करें। चिंता की बात है कि भारत में अधिकतर वर्षा जल बर्बाद हो जाता है। बारिश का पानी हम जितना बचाएंगे, भूजल पर निर्भरता उतनी ही कम हो जाएगी। उन्होंने कहा, आजादी के बाद पहली बार सरकार जल परीक्षण पर गंभीरता से काम कर रही है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘भारत के विकास का विजन, भारत की आत्मनिर्भरता का विजन, हमारे जल स्रोतों पर निर्भर है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद इतने कम समय में ही लगभग 4 करोड़ नए परिवारों को नल का कनेक्शन मिल चुका है।’’

वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से आयोजित इस समारोह के दौरान मोदी की उपस्थिति में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री राजेंद्र सिंह शेखावत और मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच केन-बेतवा संपर्क परियोजना क्रियान्वित करने संबंधी समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।

उल्लेखनीय है कि नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय योजना के तहत यह पहली परियोजना होगी।

‘‘जल शक्ति अभियान: कैच द रैन’’ कार्यक्रम के तहत वर्षा जल संचयन अभियान देश भर में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा और इसका नारा होगा ‘‘जहां भी गिरे और जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें’’।
इस अभियान को 22 मार्च से 30 नवंबर तक लागू किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *