हिमशिखर खबर ब्यूरो
देहरादून: उत्तराखण्ड के समग्र विकास को लेकर देहरादून में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेशज्ञ राज्य की समस्याओं पर चर्चा करते हुए समाधान के विकल्पों पर विचार मंथन करेंगे। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में विशेष कार्य करने वाले लोगों का अभिनंदन किया जाएगा।
देवभूमि में खाली होते पहाड़ और बंजर होते खेतों की लगातार बढ़ रही समस्या किसी से छुपी नहीं है। गोमाता का दूध देना बंद कर देने के बाद उनको सड़क पर छोड़ दिया जा रहा है। युवा नौकरी की तलाश में मैदानी क्षेत्रों की ओर पलायन कर रहे हैं। उत्तराखण्ड में संसाधनों की कमी नहीं है। यदि उनका उचित तरीके से नियोजन किया जाए, तो कुछ भी असंभव नहीं है।
भारत सरकार में पू्र्व सचिव, लेखक, समाजसेवी और संन्यास ग्रहण कर चुके स्वामी कमलानंद उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। इसी दिशा में अब आगे बढ़ते हुए स्वामी कमलानंद ने देहरादून में तीन दिवसीय कार्यशाला का निर्णय लिया है। स्वामी कमलानंद ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए कहा कि तीन मई को देहरादून के थानों में स्वामी भास्करानंदजी के पंचगव्य केंद्र और चार व पांच मई को थर्ड आई सहस्रधारा में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
स्वामी कमलानंद ने कहा कि स्थानीय संसाधनों के वैज्ञानिक दोहन से ही ग्रामीण विकास की परिकल्पना साकार होगी। पर्वतीय क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों के विकास की अपार संभावनाएं हैं। जरूरत है युवाओं को सिर्फ तकनीक व वैज्ञानिक विधि की जानकारी मुहैया कराने की है। गोमाता के पंचगव्य से स्वास्थ्य लाभ के साथ ही आमदनी भी हो सकती है। पहाड़ की बदरी गाय के पंचगव्य में औषधीय गुण भरपूर हैं। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। विभिन्न क्षेत्रों में विशेष कार्य करने वाले लोगों का अभिनंदन किया जाएगा।
मंत्री चंदन राम दास के निधन पर जताया शोक
मंत्री चंदन राम दास के निधन पर स्वामी कमलानंद ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि-आकस्मिक निधन के समाचार से स्तब्ध हूं। उनका निधन जनसेवा एवं राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं परिजनों व समर्थकों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें। कहा कि उनके जनसेवा के कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा।