पीएम मोदी ने कहा कि स्टार्टअप का यह कल्चर देश के दूर-दराज के इलाके तक पहुंचे, इसके लिए 16 जनवरी को अब नेशनल स्टार्ट अप डे के रूप में मनाने का फैसला किया गया है।
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए स्टार्टअप कारोबारियों से बातचीत की। स्टार्टअप कारोबारियों ने प्रधानमंत्री को छह विषयों – ग्रोइंग फ्रॉम रूट्स, नजिंग द डीएनए, फ्रॉम लोकल टू ग्लोबल, भविष्य की प्रौद्योगिकी, विनिर्माण क्षेत्र में चैंपियंस का निर्माण और सतत विकास पर प्रस्तुतियां दीं। इन प्रस्तुतियों के लिए 150 से अधिक स्टार्टअप उद्योगों को छह वर्किंग ग्रुप में विभाजित किया गया था। प्रत्येक विषय के लिए, दो स्टार्टअप प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं, जिन्होंने उस विशेष विषय के लिए चुने गए सभी स्टार्टअप की ओर से बात की।
अपनी प्रस्तुति के दौरान, स्टार्टअप प्रतिनिधियों ने अपने विचारों को साझा करने के लिए ऐसे मंच के माध्यम से अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया तथा स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए उनके दृष्टिकोण और समर्थन की प्रशंसा की। उन्होंने कृषि में मजबूत डेटा संग्रह तंत्र सहित भारत को कृषि व्यवसाय का पसंदीदा हब बनाने, प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने, मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे से निपटने, वर्चुअल पर्यटन जैसे नवाचारों के माध्यम से यात्रा तथा पर्यटन को बढ़ावा देने, एड-टेक एवं रोजगार की पहचान, अंतरिक्ष क्षेत्र, ऑफलाइन खुदरा बाजार को डिजिटल कॉमर्स से जोड़ने, विनिर्माण दक्षता में वृद्धि, रक्षा क्षेत्र में निर्यात, दूसरों के बीच में हरित टिकाऊ उत्पादों और परिवहन के स्थायी साधनों को बढ़ावा देने जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर विचार और इनपुट साझा किए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप्स का ये कल्चर देश के दूर-दराज तक पहुंचे, इसके लिए 16 जनवरी को अब नेशनल स्टार्ट अप डे के रूप में मनाने का फैसला किया गया है।” पीएम ने कहा, “देश के उन सभी स्टार्ट-अप्स को, सभी इनोवेटिव युवाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, जो स्टार्ट-अप्स की दुनिया में भारत का झंडा बुलंद कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने वर्तमान दशक की अवधारणा को भारत की ‘प्रौद्योगिकी’ के रूप में स्मरण करते हुए, नवाचार, उद्यमिता और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए इस दशक में सरकार द्वारा किए जा रहे बड़े परिवर्तनों के तीन महत्वपूर्ण पहलुओं को सूचीबद्ध किया। पहला, उद्यमिता और नवाचार को नौकरशाही की सरकारी प्रक्रियाओं के जाल से मुक्त करना। दूसरा, नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक संस्थागत तंत्र बनाना और तीसरा, युवा नवोन्मेषकों और युवा उद्यमों की हैंडहोल्डिंग। उन्होंने इन प्रयासों के हिस्से के रूप में स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसे कार्यक्रमों को सूचीबद्ध किया। ‘एंजेल टैक्स’ की समस्याओं को दूर करने, कर प्रक्रिया को सरल बनाने, सरकारी फंडिंग की व्यवस्था करने, 9 श्रम और 3 पर्यावरण कानूनों के स्व-प्रमाणन की अनुमति देने और 25 हजार से अधिक अनुपालनों को हटाने जैसे उपायों ने प्रक्रिया को और आगे बढ़ाया है। गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) प्लेटफॉर्म पर स्टार्टअप रनवे, सरकार को स्टार्टअप सेवाओं के प्रावधान की सुविधा प्रदान कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास बचपन से ही छात्रों में नवोन्मेष के प्रति आकर्षण पैदा कर देश में नवोन्मेष को संस्थागत बनाना है। 9 हजार से अधिक अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं बच्चों को स्कूलों में कुछ नया करने और नए विचारों पर काम करने का अवसर प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन के नए नियम हों या नई अंतरिक्ष नीति, सरकार की प्राथमिकता अधिक से अधिक युवाओं को नवोन्मेष के अवसर उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आईपीआर पंजीकरण से संबंधित नियमों को भी सरल बनाया है।
प्रधानमंत्री ने नवाचार के संकेतकों में तीव्र वृद्धि को उधृत किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में 4 हजार पेटेंट स्वीकृत किए गए थे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 28 हजार से अधिक पेटेंट प्रदान किए गए थे। वर्ष 2013-14 में जहां लगभग 70 हजार ट्रेडमार्क पंजीकृत थे, वहीं 2020-21 में 2.5 लाख से अधिक ट्रेडमार्क पंजीकृत किए गए हैं। वर्ष 2013-14 में, जहां केवल 4 हजार कॉपीराइट दिए गए थे, वहीं पिछले वर्ष उनकी संख्या 16 हजार को पार कर गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नवाचार के लिए भारत के अभियान के परिणामस्वरूप वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत नवाचार सूचकांक में 81वें स्थान पर था लेकिन अब भारत इस सूचकांक में 46वें स्थान पर आ गया है।
मोदी ने बताया कि भारत के स्टार्टअप 55 अलग-अलग उद्योगों के साथ काम कर रहे हैं और स्टार्टअप की संख्या जहाँ पांच साल पहले 500 से कम थी, वहीं यह बढ़कर आज 60 हजार से अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, ”हमारे स्टार्ट-अप लीक से हटकर व्यापक बदलाव ला रहे हैं, इसलिए मेरा मानना है कि स्टार्ट-अप नए भारत की रीढ़ बनने जा रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल देश में 42 यूनिकॉर्न तैयार हुए थे। हजारों करोड़ रुपए की ये कंपनियां आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं। श्री मोदी ने कहा, “आज भारत तेज़ी से यूनिकॉर्न की सेंचुरी लगाने की तरफ बढ़ रहा है और मैं मानता हूं, भारत के स्टार्ट-अप्स का स्वर्णिम काल तो अब शुरू हो रहा है”।