ज्योतिष और शुक्र : शुक्र ग्रह का जातक पर प्रभाव:

Uttarakhand

पंडित हर्षमणि बहुगुणा

आज शुक्रवार है, आज हम शुक्र ग्रह के विषयक कुछ जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं , क्या कहता है भारतीय ज्योतिष विज्ञान। शुक्र ग्रह प्रतिकूल होने पर हम क्या – क्या कर सकते हैं, एक सूक्ष्म जानकारी के साथ।

ज्योतिष में शुक्र को मुख्य रूप से पति या पत्नी अथवा प्रेमी या प्रेमिका का कारक माना जाता है। कुंडली धारक के दिल से अर्थात् प्रेम संबंधों से जुड़ा कोई भी मामला देखने के लिए कुंडली में इस ग्रह की स्थिति देखना अति आवश्यक हो जाता है।

शुक्र एक नम ग्रह हैं तथा ज्योतिष की गणनाओं के लिए इन्हें स्त्री ग्रह माना जाता है। मीन के शुक्र को उच्च का शुक्र कहा जाता है, होता है। मीन राशि के अतिरिक्त शुक्र वृष तथा तुला राशि में स्थित होकर भी बलशाली हो जाते हैं जो कि इनकी अपनी राशियां हैं। शुक्र के प्रबल प्रभाव वाले जातक शेष सभी ग्रहों के जातकों की अपेक्षा अधिक सुंदर होते हैं। शुक्र के प्रबल प्रभाव वाली महिलाएं अति आकर्षक होती हैं तथा जिस स्थान पर भी ये जाती हैं, पुरुषों की लंबी कतार इनके पीछे पड़ जाती है।

शुक्र शारीरिक सुखों के भी कारक होते हैं, जानने के लिए कुंडली में शुक्र की स्थिति महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। शुक्र का प्रबल प्रभाव जातक को रसिक बना देता है तथा आम तौर पर ऐसे जातक अपने प्रेम संबंधों को लेकर संवेदनशील होते हैं। शुक्र के जातक सुंदरता और एश्वर्यों का भोग करने में शेष सभी प्रकार के जातकों से आगे होते हैं। शुक्र कन्या राशि में नीच का होने से कन्या राशि में स्थित होने पर बलहीन हो जाता हैं।

शुक्र ग्रह के अशुभ होने पर मिलने वाले परिणाम
“जिन लोगों की शादी होने में परेशानी आ रही है या शादी के बाद परेशानी आ रही है तो मान लेना चाहिए कि उनका शुक्र ग्रह खराब है। जिन लोगों के शरीर मे जोश नहीं होता जो शरारतों और हंसी मज़ाक में खुश तो रहते हैं लेकिन बहुत जल्दी चिड़- चिड़े हो जाते हैं, जिनको नहाने धोने साफ कपड़े पहनने, काम पर जाने के लिए सदा आलस्य बना रहता है, जो घर की साफ-सफाई के लिए टोका-टाकी तो करते हैं मगर स्वयं इन कामों को नहीं कर पाते, जिनके गुप्तांग पर बार-बार इन्फैकशन होता हो, जो हीरो बनने का प्रयास ना करते हों मगर हीरो बनने के सपने देखते हों, जो रोज नया जोशीला काम करने का वादा करते हों मगर काम करते ना हों, जिनका विपरीत लिंगी के प्रति हर पल आकर्षण बना रहता हो, जिनमें बहुत ज्यादा खर्च करने की आदत हो पर उतनी कमाई न हो, और औरतों मे सफेद पानी या ल्यूकोरिया की दिक्कत हो तो यह सब शुक्र ग्रह की खराबी की वजह से होता है। कुल मिला कर इस ग्रह की खराबी होने से लोग अपनी कमियों को छिपाते हुए अच्छा होने का ढोंग करते हैं। वे इतनी ज्यादा शरारतें करते हैं कि यही शरारतें उनकी बदनामी का कारण बन जाती हैंं।

“ऐसे लोगों को सुगंधित खानों की खशबू या किसी भी प्रकार की सुगंध खराब लगती है, और वे सुंदर बनने के लिए बार- बार कुछ न कुछ करते रहते हैं पर बन नही पाते। जो कई तरह की नौकरियाँ और काम करने का प्रयास करते हैं लेकिन किसी मे सफल नहीं हो पाते, हर माहौल मे कमी निकाल कर अलग हो जाते हैं। पर सुनने में उनके विचार बहुत ज्ञानवान (अच्छे)लगते हैं।

ऐसे सब लोगों का शुक्र ग्रह खराब होता है,जैसे ही शादी होती है तो अपना या जीवन साथी का स्वास्थ्य खराब होता चला जाता है। यूं ही शिकायतों मे जीवन बीतता रहता है, यदि रेडीमेट कपड़ों का काम है या कास्मेटिक, मीठी वस्तुओं से संबन्धित कोई काम हो तो इनमें सदा कमी या खराबी बनी रहती है। इसके अलावा यदि वह बाहर सुंदर या मूल्यवान चीजों पर पैसा खर्च करता हो पर आनंद न ले पाता हो तो भी शुक्र ग्रह खराब है।”

‘अगर आपको इनमें से कोई समस्या आ रही हैं तो समाधान के उपाय के लिए नीचे दिए उपायों को कर सकते है। ‘

अरिष्ट शुक्र की शांति के उपाय
शुक्र ग्रहों में सबसे चमकीला है और प्रेम का प्रतीक है। इस ग्रह के पीड़ित होने पर व्यक्ति को ग्रह शांति हेतु सफेद रंग का घोड़ा दान देना चाहिए अथवा रंगीन वस्त्र, रेशमी कपड़े, घी, सुगंध, चीनी, खाद्य तेल, चंदन, कपूर का दान शुक्र ग्रह की विपरीत दशा में सुधार लाता है।

शुक्र से सम्बन्धित रत्न का दान भी लाभप्रद होता है। इन वस्तुओं का दान शुक्रवार के दिन संध्या काल में किसी युवती को देना उत्तम रहता है।

शुक्र ग्रह से सम्बन्धित क्षेत्र में आपको परेशानी आ रही है तो इसके लिए आप शुक्रवार के दिन व्रत रखें*।
मिठाईयां एवं खीर कौओं और गरीबों को दें।*
ब्राह्मणों एवं गरीबों को घी भात खिलाएं*।
अपने भोजन में से एक हिस्सा निकालकर गाय को खिलाएं।*
शुक्र से सम्बन्धित वस्तुओं में सुगंध, घी और सुगंधित तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।*
वस्त्रों के चुनाव में अधिक विचार न करें।*
काली चींटियों को चीनी खिलानी चाहिए।*
शुक्रवार के दिन सफेद गाय को आटा खिलाना चाहिए।*
किसी काने व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान करना चाहिए।*
किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए जाते समय 10 वर्ष से कम आयु की कन्या का चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेना चाहिए।*
अपने घर में सफेद पत्थर लगवाना चाहिए।*
किसी कन्या के विवाह में कन्यादान का अवसर मिले तो अवश्य स्वीकारना चाहिए।*
शुक्रवार के दिन गौ-दुग्ध से स्नान करना चाहिए।* “‘
‘आज के दिन इतना ही शेष दूसरे दिन।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *