ऊखीमठ: विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के लिए आज सोमवार को विशेष पूजा-अर्चना के साथ बाबा केदार की डोली रवाना होगी. इससे पहले भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में रविवार देर शाम को भैरव पूजन के साथ ही केदारनाथ यात्रा का आगाज हो गया है. इस दौरान बाबा भैैैरव का बड़ेे धूमधाम से विशेष पूजा अर्चना की गई. भैरवनाथ जी को केदार पुरी का क्षेत्र रक्षक भी कहा जाता है. बताते चलेें कि हर साल केदारनाथ धाम के कपाट खुलने और पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ रवाना होने से पहले केदार पुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा की जाती है.
आगामी छह मई को उच्च हिमालय में स्थित बाबा केदार के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोले जाएंगेजाएंगे. केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया ओंकोरश्वर मंदिर में भैरवनाथ पूजन के साथ शुरू हो गया है. रविवार को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में मुख्य पुजारी गंगाधर लिंगम्, आचार्य एवं वेदपाठियों ने देर शाम भैरवनाथ की पूजा-अर्चना की। लगभग दो घंटे तक चली पूजा-अर्चना के बाद बाबा भैरवनाथ की आरती की गई. इस दौरान भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा।
केदार पुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा सादगी से की गई. लोक मान्यताओं के अनुसार भैरवनाथ को केदार पुरी का क्षेत्र रक्षक माना जाता है. सदियों से चली आ रही परम्परा के अनुसार भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने और पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से हिमालय रवाना होने से पूर्व भैरवनाथ पूजन किया जाता है.