हिमशिखर ब्यूरो
नई टिहरी। वनाधिकार आन्दोलन की सफलता के लिए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, टिहरी के पूर्व विधायक व आन्दोलन के प्रणेता किशोर उपाध्याय आज जड़धार गांव स्थित सुरकंडा मंदिर पहुंचे। दरअसल, इन दिनों मां सुरकंडा की डोली गांव में पहुंची है। ऐसे में उन्होंने माँ सुरकंडा के चरणों में हरियाली के सम्पुट अनावरण के पवित्र पर्व पर प्रार्थना व विनती की। बताते चलें कि आज वनाधिकार आन्दोलन ने पूरे प्रदेश में माँ दुर्गा के शक्ति स्थलों, मंदिरों व आस्था स्थलों में अर्चना का कार्यक्रम रखा है।
माँ सुरकंडा गिरिजनों व अरण्यजनों की रक्षक, अधिष्ठात्री व मनोकामना पूर्ण करने वाली आराध्या भगवती दुर्गा हैं। उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने माँ भगवती से विश्व के कल्याण, प्रदेश व देश के सुख.समृद्धि तथा जगत कोरोना से मुक्ति हेतु विनती की। ज्ञातव्य हो कि किशोर उपाध्याय विगत तीन वर्षों से उत्तराखंडियों को अरण्यजन, गिरिजन घोषित करने, 2006 के वनाधिकार क़ानून को राज्य में लागू करने हेतु देश व प्रदेश में सघन आन्दोलन चला रहे हैं।
उपाधाय ने युवाओं और लक्ष्मी स्वरूपा नारी शक्ति से आह्वान किया कि नवरात्र के इस पावन पर्व पर वे उत्तराखंड को बचाने-बसाने के इस पुनीत प्रयास को सक्रिय आशीर्वाद दें, जिससे यहाँ के निवासियों के वनों पर उनके पुश्तैनी अधिकार व हक़-हकूक़ मिल सकें। वन क़ानून वन जीवी समुदायों का गला घोंट रहे हैं, उनकी पुनः समीक्षा की जाय। अब तो देश व राज्य के अनेक राजनैतिक-सामाजिक पुरोधा भी इस बात को उठाने लगे हैं।
उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंडियों को उनके वनाधिकारों के एवज़ में सभी राज्य वासियों को प्रति माह एक रसोई गैस सिलेंडर, बिजली-पानी निशुल्क दिया जाय। परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी दी जाय व केन्द्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण दिया जाय। साथ ही एक आवास बनाने के लिये लकड़ी, बजरी व पत्थर निशुल्क दिया जाय। जंगली जानवरों से जन हानि पर 25 लाख रू क्षतिपूर्ति व परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी व फसल के नुक़सान पर 5000 रू प्रतिनाली क्षतिपूर्ति दी जाय।
वनाधिकार क़ानून .2006 को राज्य में लागू किया जाय। या सरकारें हमारी जमींनों को राज्य वासियों को वापस लौटायें। उपाध्याय ने कहा कि उन्हें भरोसा है माँ सुरकंडा केन्द्र व राज्य सरकार को सदबुद्धि प्रदान करेंगी और वे हमें हमारे नैसर्गिक अधिकारों की क्षतिपूर्ति देंगी। इस अवसर पर पुरोहित समाज के रमेश प्रसाद लेखवार, पप्पू लेखवार, परमानंद लेखवार, भगवती प्रसाद लेखवार, शिव सिंह जड़धारी, राजेन्द्र डोभाल, राजेश्वर बडोनी, देवेंद्र नौडियाल, पंकज रतूड़ी, नरेंद्र सजवाण. यशपाल थापा, शिखर दीप रावत, गौरव जड़धारी, मुकेश लखेड़ा आदि उपस्थित थे।