सूर्य ग्रहण: आज सुबह से ही लगा सूतक, सवाल-जवाब में जानिए सूर्य ग्रहण से जुड़ी खास बातें

हिमशिखर धर्म डेस्क

Uttarakhand

दिवाली का त्योहार 24 अक्तूबर को पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया। आज यानि 25 अक्तूबर को साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगेगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से देखा जा सकेगा। ये सूर्य ग्रहण 4 घंटे, 3 मिनट का होगा। सूर्य ग्रहण दोपहर में 02 बजकर 29 मिनट पर लगेगा और इसका समापन शाम 06 बजकर 32 मिनट पर होगा। भारत में इसकी शुरुआत शाम को 04 बजकर 22 मिनट से होगी और यहां यह सूर्यास्त के साथ ही समाप्त हो जाएगा। सूतक सूर्यग्रहण से 12 घंटे पहले लगता है। भारत में सूर्य ग्रहण का आरंभ शाम 04:22 से होगा, ऐसे में यहां सूतक 25 अक्तूबर को ही सुबह 04:22 मिनट से लागू हो गया है। ज्यादातर जगहों पर ग्रहण सूर्यास्त के साथ ही खत्म होगा। इस दौरान चंद्रमा, सूर्य को करीब एक तिहाई ढंक देगा। सूर्यग्रहण का ऐसा नजारा अब 5 साल बाद ही दिखाई देगा।

सूर्य ग्रहण की नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए। इससे आंखों को स्थाई नुकसान पहुंच सकता है। सूर्य ग्रहण को टेलीस्कोप के माध्यम से सफेद पटल पर देख सकते हैं। एल्युमिनी माइसर काले पॉलिमर 14 नंबर शेड के लाईदार कांच का उपयोग करके देखना सूर्यग्रहण देखने की सबसे सही तकनीक है. ग्रहण को देखने के एक्स.रे फिल्म का उपयोग नहीं करें. किसी चश्मे से भी सीधे सूर्य को देखने की कोशिश नहीं करें।

सवाल-जवाब में जानिए सूर्य ग्रहण से जुड़ी खास बातें

सवाल: क्या हमारे देश में आज के सूर्य ग्रहण का सूतक रहेगा?
जवाब: जी हां, ये आंशिक सूर्य ग्रहण भारत के अधिकतर हिस्सों में दिखेगा, इस कारण सूर्य ग्रहण का सूतक सुबह करीब 4 बजे से शुरू हो गया है। सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। दिवाली की रात स्थापित की गई लक्ष्मी जी की चौकी शाम को ग्रहण खत्म होने के बाद ही हटाएं। सूतक की वजह से सभी मंदिरों के पट बंद हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों का शुद्धिकरण होगा और फिर मंदिरों में भक्त दर्शन कर पाएंगे।

सवाल: सूर्य ग्रहण का समय कब से कब तक रहेगा?
जवाब- हिन्दी पंचांग के मुताबिक आज (25 अक्टूबर) शाम करीब 4 बजे से सूर्य ग्रहण शुरू होगा। अलग-अलग जगहों के हिसाब ग्रहण दिखने का समय अलग-अलग रहेगा, शाम करीब 4.50 बजे तक अधिकतर जगहों पर ग्रहण दिखने लगेगा। शाम 6.25 बजे ग्रहण खत्म होगा। जिन जगहों पर ग्रहण खत्म होने से पहले सूर्यास्त हो जाएगा, वहां सूर्यास्त के साथ ही ग्रहण और सूतक खत्म हो जाएगा।

सवाल: ग्रहण के समय कौन-कौन से धर्म-कर्म कर सकते हैं?
जवाब: जब ग्रहण का सूतक रहता है, तब पूजा-पाठ जैसे शुभ काम नहीं किए जाते हैं। इस वजह से सभी मंदिर बंद रहते हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद ही पूजा-पाठ की जाती है। ग्रहण के समय में बिना आवाज किए मंत्र जप किए जा सकते हैं। इस समय में जरूरतमंद लोगों को दान भी करना चाहिए।

सवाल: सूर्य ग्रहण क्यों होता है?
जवाब: धर्म और विज्ञान के नजरिए से इसके अलग-अलग कारण हैं। विज्ञान के मुताबिक पृथ्वी चंद्र के साथ सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्र पृथ्वी की परिक्रमा करता है। जब चंद्र परिक्रमा करते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और ये तीनों ग्रह एक सीधी लाइन में होते हैं, तब चंद्र की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। जहां-जहां चंद्र की छाया पड़ती है, वहां सूर्य नहीं दिखता है। इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं। धर्म के नजरिए से ग्रहण की कथा राहु और केतु से जुड़ी है।

देवताओं और दानवों ने मिलकर समुद्र को मथा तो अमृत निकला। विष्णु जी मोहिनी अवतार लेकर देवताओं को अमृत पान करा रहे थे।

एक असुर राहु देवताओं का वेष बनाकर देवताओं के बीच बैठ गया और उसने अमृत पी लिया। सूर्य और चंद्र राहु को पहचान गए और उन्होंने विष्णु जी को ये बात बता दी।

विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया, लेकिन राहु ने अमृत पी लिया था, इस कारण वह मरा नहीं। राहु के दो हिस्से हो गए। एक हिस्से को राहु और दूसरे हिस्से को केतु कहा जाता है।

राहु की शिकायत सूर्य और चंद्र ने की थी, इस कारण वह इन दोनों को दुश्मन मानता है और समय-समय पर इन दोनों ग्रहों को ग्रसता है, जिसे ग्रहण कहा जाता है।

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