नई टिहरी।
कलियुग में श्रीमद् भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य का कल्याण हो जाता है। भागवत कथा ज्ञान का वह भंडार है जिसके वाचन और सुनने से वातावरण में शुद्धि तो आती ही है, साथ ही मन और मस्तिष्क भी स्वच्छ हो जाता है। यह बात सोमवार को बादशाही थौल में भागवत कथा में व्यास पीठ पर विराजमान पंडित द्वारिका प्रसाद बहुगुणा ने कही।
सोमवार को बादशाही थौल के हिन्द हॉल में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ जल कलश यात्रा के साथ हुआ। पंडित बहुगुणा ने कहा कि भागवत कथा से घर और समाज में पवित्रता बनती है, जो सुख शांति का आधार है। कथा के ज्ञान को अपने जीवन में धारण करना चाहिए ताकि जीवन सफल हो सके। भक्त के अंदर जब भावना जागृत होती है, तब प्रभु के आने में देरी नहीं होती। प्रभु तो भाव के भूखे हैं, श्रद्धा भाव से समर्पित होकर उनकी उपासना करोगे तो वह अवश्य ही कृपा करेंगे।
इस अवसर पर दर्शन लाल उनियाल, मनोहर लाल उनियाल, विमल बहुगुणा, गीता उनियाल, कल्पना उनियाल, सुनील उनियाल, मुनेंद्र उनियाल, ममता बहुगुणा, अर्चना बहुगुणा, अनुराग उनियाल, सीमा उनियाल, शरद उनियाल, रजत उनियाल, आदि मौजूद रहे।