आज बुद्ध पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण, क्या लगेगा सूतक काल ?: सर्वार्थ सिद्धि और सोमवार का योग; शिव जी, विष्णु जी और चंद्र देव की पूजा जरूर करें

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। आज बुद्ध पूर्णिमा है। बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध अनुयायियों के लिए भी खास महत्व रखता है। वैशाख पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्रग्रहण होगा, जो कि भारत में नहीं दिखेगा। हालांकि ये भी सिर्फ खगोलीय नजरिये से खास रहेगा। धार्मिक रूप से इसका महत्व नहीं होने से इसका अशुभ असर नहीं पड़ेगा। इसका सूतक काल भी देश में नहीं माना जाएगा।

आज सोमवार सुबह 7.58 बजे से चंद्र ग्रहण की शुरुआत हो जाएगी। ग्रहण 11.25 बजे खत्म होगा। ये ग्रहण कनाडा, न्यूजीलैंड के कुछ भागों में और जर्मनी में दिखाई देगा। भारत में ग्रहण का सूतक न होने से इस दिन वैशाख पूर्णिमा से जुड़े सभी शुभ काम किए जा सकेंगे।

आचार्य वराहमिहिर द्वारा रचित बृहत्संहिता के अनुसार जब एक ही महीने में दो ग्रहण होते हैं तो देशों में सैन्य हलचल बढ़ने लगती हैं। चंद्र ग्रहण जहां-जहां दिखाई देगा, सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों में इसकी धार्मिक मान्यताएं मान्य रहेंगी।

Uttarakhand

सर्वार्थ सिद्ध योग, सोमवार और पूर्णिमा का शुभ योग

  • ज्योतिष में सोमवार का स्वामी ग्रह चंद्र को माना गया है। साथ ही इस दिन शिव जी की पूजा खासतौर पर करने की परंपरा है। सोमवार और पूर्णिमा के योग में शिव जी के साथ चंद्र की पूजा करने से भक्त की मनोकामनाएं जल्दी सफल हो सकती हैं। शिव पूजा से पहले गणेश जी की पूजा जरूर करें।
  • तांबे के लोटे से शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। चांदी के लोटे से दूध चढ़ाएं। इसके बाद बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल, जनेऊ, हार-फूल चढ़ाएं। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। आरती करें। पूजा के बाद प्रसाद वितरीत करें और खुद भी ग्रहण करें। पूजा में हुई जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
  • शाम को चंद्र उदय के बाद चंद्र को अर्घ्य अर्पित करें और ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जाप करें।

वैशाख पूर्णिमा पर कौन-कौन से शुभ कर्म करें

  • वैशाख पूर्णिमा पर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। किसी पौराणिक महत्व वाले तीर्थ या मंदिर के दर्शन करें। दर्शन के बाद जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें। अगर नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान करते समय पवित्र नदियों का ध्यान करें।
  • पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने करने की परंपरा है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ें या सुनें। भगवान सत्यनारायण विष्णु जी का ही एक स्वरूप है। पूर्णिमा पर भगवान विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें। इसके लिए शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और भगवान का अभिषेक करें। जल से अभिषेक करें। इसके बाद हार-फूल चढ़ाएं। मिठाई का भोग तुलसी के पत्तों के साथ लगाएं। धूप-दीप जलाएं और आरती करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
  • पूर्णिमा पर बाल गोपाल का भी अभिषेक करें। पीले चमकीले वस्त्र अर्पित करें। माखन-मिश्री का भोग तुलसी के साथ लगाएं। धूप-दीप जलाएं। कृष्ण मंत्र का जप करें।
Uttarakhand

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *