महाशिवरात्रि आज: ग्रहों के दुर्लभ योग में मनेगा उत्सव, शिवालय सजे, अभिषेक भी होंगे

महाशिवरात्रि आज 26 फरवरी बुधवार को पड़ रहा है। इस वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर शिवयोग, परिघ योग और घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग आने से पर्व की महत्ता और अधिक बढ़ गई है। देश भर में शिवालय सज चुके हैं। कई स्थानों पर महादेव की बारात भी निकलेगी।

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पंडित उदय शंकर भट्ट

शिव और शक्ति के मिलन के पर्व महाशिवरात्रि पर इस साल अत्यंत शुभ और फलदाई सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। आज 26 फरवरी को पड़ रही महाशिवरात्रि के दिन शिवयोग, परिघ योग और घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग आने से पर्व की महत्ता और अधिक बढ़ गई है। मान्यता है कि इस शुभ योग में धार्मिक कार्य करने से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।

महाशिवरात्रि देवों के देव महादेव शिव-शंभू, भोलेनाथ शंकर की आराधना, उपासना का त्यौहार है। महाशिवरात्रि पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी को मनाया जाता है। 26 फरवरी को त्रयोदशी और चतुर्दशी मिल रही है। वहीं महाशिवरात्रि का पर्व शिवयोग, परिघ योग और घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग आने से आने से और भी अधिक प्रभावकारी बताई जा रही है। महाशिवरात्रि पर शिवलिंग को गंगाजल, दूध, घी, शहद और शक्कर के मिश्रण से शिवलिंग को स्नान करवाया जाता है। फिर चंदन लगाकर फल-फूल, बेलपत्र, धतूरा, बेर इत्यादि अर्पित किए जाते हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से महाशिवरात्रि की रात्रि बहुत विशेष होती है। दरअसल, इस रात्रि ग्रह का उत्तरी गोलार्द्ध इस तरह अवस्थित होता है कि इंसान के अंदर की उर्जा प्राकृतिक तौर पर उपर की तरफ बढ़ने लगती है। यानी प्रकृति खुद ही मानव को उसके आध्यात्मिक शिखर तक जाने में सहायता करती है।

चार प्रहर की पूजा
महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा में रुद्राभिषेक और 1008 शिवनाम की अराधना का विशेष महत्व माना गया है। भगवान शिव को प्रसन्न करने का बेहतरीन अवसर शिव भक्तों का है।

पहली पूजा
शाम 6:08 बजे से रात 9:15 बजे तक

दूसरी पूजा
शाम 9:16 बजे से लेकर रात 12:30 बजे तक

तीसरी पूजा
रात 12:31 बजे से 3:45 बजे तक

चौथी पूजा
3:46 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक चार प्रहर की पूजा होगी।

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ऐसे करें भगवान की पूजा

सबसे पहले भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए। भगवान को वेल पत्र का आसन देकर पंच जल से स्नान कराएं। इसके बाद पंचामृत से स्नान कराने के बाद पुन: शुद्ध जल से स्नान कराया जाता है।

भगवान को वस्त्र, यज्ञोपवीत धारण कराना चाहिए। धूप, दीप, नैवेद्य और फल चढ़ाकर भगवान की आरती करनी चाहिए।1008 वेलपत्र से भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है।

महाशिवरात्रि से जुड़े सवाल-जवाब में जानिए इस पर्व से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जरूरी बातें…

सवाल: किस समय पूजा करना शुभ रहेगा?
जवाब: महाशिवरात्रि पर पूरे दिन-रात पूजा कर सकते हैं। स्कंद, शिव और लिंग पुराण का कहना है कि इस त्योहार के नाम के मुताबिक, रात में शिवलिंग का अभिषेक करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

सवाल: पूजा की विधि क्या होनी चाहिए?
जवाब: शिवरात्रि पर पूरे विधि-विधान से शिव पूजा करनी चाहिए। अगर समय न मिले या मंदिर न जा पाएं तो घर पर ही कुछ जरूरी चीजों के साथ ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप हुए शिव पूजा कर सकते हैं। ये महापूजा जितना ही फल देती है।

सवाल: शिव पूजा में किन बातों का ध्यान रखें?
जवाब: शिव पूजा में इन 4 बातों का खास ख्याल रखें

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  • पूजा करते वक्त मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ हो।
  • कुंद, केतकी और कैंथ के फूल न चढ़ाएं।
  • शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाने के बाद उसे न पिएं, सिर आंखों पर लगा सकते हैं।
  • पूजा के बाद शिवलिंग की आधी परिक्रमा ही करें।

सवाल: शिवरात्रि का व्रत कैसे करें?
जवाब:समझें कैसे कर सकते हैं व्रत…

  • सूर्योदय से पहले उठें।
  • पानी में गंगाजल और काले तिल मिलाकर नहाएं।
  • व्रत और शिव पूजा का संकल्प लें।
  • व्रत-उपवास में अन्न नहीं खाएं। फल, दूध और पानी ले सकते हैं। बीमार चिकित्सक की सलाह पर व्रत-उपवास करें।
  • सुबह-शाम नहाने के बाद शिव मंदिर दर्शन के लिए जाएं।
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