पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के दूसरे चरण की सबसे बड़ी हाई प्रोफाइल सीट में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन एक ओर जहां भाजपा के कई कद्दावर नेता और सितारे प्रचारक मैदान में हैं, वहीं तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी व्हील चेयर से अकेले मोर्चा संभाले हुए हैं। नंदीग्राम मेें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का अपने ही पूर्व मंत्री सुवेंदु अधिकारी के साथ मुकाबला होने जा रहा है।
हिम शिखर संवाददाता
नंदीग्राम: अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान, सुवेंदु अधिकारी के साथ बंगाल के महागुरु मिथुन चक्रवर्ती एक ओर और व्हील चेयर पर ममता बनर्जी दूसरी ओर। यह दृश्य है पश्चिम बंगाल की सबसे हाईप्रोफाइल विधानसभा सीट नंदीग्राम का। विदित हो कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी नंदीग्राम में सभा कर चुके हैं।
मंगलवार को सियासी घमासान में दूसरे चरण की वोटिंग के लिए चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है। दूसरे चरण के तहत एक अप्रैल को होने वाले चुनाव में नंदीग्राम सीट पर भी मतदान होने हैं। ऐसे में आखिरी दिन होने के कारण भाजपा और टीएमसी ने पूरी ताकत झोंक दी है। जिस कारण नंदीग्राम का सियासी पारा तपिश में होना लाजिमी है।
पश्चिम बंगाल की सियासी लड़ाई का केंद्र नंदीग्राम बना हुआ है। मंगलवार दोपहर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नंदीग्राम से भाजपा उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी के साथ रोड शो कर रहे हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान सुबह से ही इलाके में डेरा डाले हुए हैं। बताया जा रहा है कि मिथुन चक्रवर्ती भी रोड शो में हिस्सा लेंगे। वहीं ममता बनर्जी भी व्हीलचेयर पर बैठकर नंदीग्राम की गलियों में पदयात्रा की अगुवाई कर रही है। ऐसे में दोनों ही दल नंदीग्राम के चुनावी रण में कोई भी गलती नहीं करना चाहता है। अब 1 अप्रैल को नंदीग्राम के लोगों को तय करना है कि वो दीदी का साथ देंगे या दादा का।
ममता बनर्जी को अपने ही गढ़ में चुनौति
राजनीति के जानकारों की मानें तो बंगाल में अधिकारी परिवार की कई सीटों पर मजबूत पकड़ है। यही कारण है कि चुनाव से ठीक पहले सुवेंदु अधिकारी को भाजपा ने पार्टी में शामिल कर ममता बनर्जी को झटका दिया था। बताते चलंे कि 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले सुवेंदु अधिकारी ने सीपीआई के प्रत्याशी अब्दुल कबीर शेख को चुनाव में हराया था। लेकिन इस चुनाव में हालात बदल गए हैं। ऐसे में ममता और सुवेंदु के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।