सुप्रभातम् : मिथ्या का अर्थ, मनमर्जी से व्याख्या न करें… मिथ्या शब्द का

मिथ्या का अर्थ

काका हरिओम्

मिथ्या दार्शनिक शब्द है, इसलिए इसकी व्याख्या साधारण रूप से नहीं की जा सकती. आदि शंकर आदि अद्वैतवादियों ने इसकी व्याख्या किस अर्थ में की है उसे समझने के लिए जनक आख्यान का सहारा लिया जा सकता है, जो कि इस प्रकार है-

Uttarakhand

महाराज जनक ने स्वप्न देखा, जिसमें वह ऐसे भिखारी थे,जो भोजन के भटक रहा है.वह मिला और जैसे ही उन्होंने कौर उठाया कि एक सांड ने उसे रौंद दिया. भूख से उनके प्राण गले में आ गए. चीत्कार कर उठे. नींद टूटी, तो खुद को महल में अपने पलंग पर पाया.

शरीर पसीने से लथपथ था. प्यास से गला सूख गया था. पानी पीया.स्वप्न का भिखारी जा चुका था. लेट गए. सोने की कोशिश करने लगे.लेकिन नींद उड़ गई थी. बार-बार एक प्रश्न पूछ रहे थे स्वयं से कि सत्य क्या है, वह जो स्वप्न में था या वह जोकिअभी है, अर्थात् भिखारी जनक या राजा जनक.

सुबह विद्वत् सभा में यह प्रश्न रख दिया. सबने उत्तर दिया, लेकिन जनक को संतुष्ट न कर पाए.

अष्टावक्र आए दरबार में. उनसे भी यही प्रश्न पूछा जनक ने.अष्टावक्र ने दो टूक जवाब दिया,’राजन्! न यह सत्य है, न वह सत्य था.जिस तरह जागने पर स्वप्न काल का दृश्य-भिखारी गायब हो गया, उसी प्रकार तत्वज्ञान होने पर यह राजा भी नहीं रहने वाला नहीं है.’

इस तरह यद्यपि सत्य एक है-पारमार्थिक सत्य, लेकिन आदि शंकर व्यावहारिक सत्य को भी स्वीकार करते हैं. आभूषण व्यावहारिक सत्य हैं जबकि स्वर्ण पारमार्थिक सत्य.

मिथ्या का अर्थ

मिथ्या शब्द का अर्थ इस दृष्टि से असत्य नहीं है क्योंकि अनुभव में जो आ रहा है, जिसे आप प्रतिपल महसूस कर रहे हैं, वह असत्य कैसे हो सकता है भला. और उसे सत्य कहना भी ठीक नहीं होगा क्योंकि सत्य में परिवर्तन नहीं होता जबकि वह तो प्रत्येक क्षण बदल रहा है.

Uttarakhand

इसीलिए ‘ मिथ्या शब्दो अनिर्वचनीयता वचनः’ कह कर शंकर दोनोें अतियों के बीच संतुलन स्थापित करते हैं. वह इसे सत्य असत्य से विलक्षण कहते हैं. यही है अनिर्वचनीयता.

इस प्रकार-जहां जिस वस्तु की प्रतीति हो वहां उसका अत्यंताभाव (न एक क्षण पहले था,न उस क्षण था जब प्रतीति हो रही थी, न ही उसके एक क्षण बाद रहेगा) ही मिथ्यात्व है.

संकेत है यह कि जिसे मेरा कहते हो उसको भोगो, उसका आनन्द लो, लेकिन यह ध्यान रहे कि वह स्थिर नहीं है, सब क्षणिक है. यह दृष्टि जीवन को पूरी तरह से बदल देती है-जगन्मिथ्या. हमें चाहिए कि हम शब्द को उसके सही संदर्भ में देखें, मनमर्जी से उसकी व्याख्या न करें.

Uttarakhand

Uttarakhand

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *