देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में बसे दिव्य स्थल “कैंची धाम” के नीम करौली बाबा की ख्याति विश्वभर में प्रसिद्घ है। इनके द्वारा किए गए चमत्कारों को सुनकर भक्त इनकी भक्ति में लीन हो जाते हैं।
हिमशिखर खबर ब्यूरो
एक बार की बात है कैंची धाम आश्रम में भंडारा होना था। भंडारे में बहुत बड़ी संख्या में लोग आये हुये थे। फिर अचानक ही भंडारे में घी की कमी पड़ गई। कुछ लोगों ने बाबा जी को इस समस्या से अवगत कराया, तो नीम करौली बाबा जी ने अपने भक्तों से कहा ” जाओ पास में जो नदी बह रही है वहां जा कर गंगा मइया से दो कनस्तर घी उधार मांग कर ले आओ, यह सुनकर कुछ लोग गये और दो कनस्तर गंगा जल भर के ले आये तथा कढाई में डाल दिया।
कढाई में डालते ही जल देशी घी में परिवर्तित हो गया और उससे भंडारे का प्रसाद बनाया गया। दूसरे दिन बाबा के आदेश पर दो कनस्तर देशी घी बाजार से मंगवाया गया और बाबा के कहने पर उस घी को गंगा मइया को वापस कर दिया गया,सारा घी गंगा जी में डलवा दिया।
नीम करौली बाबा जी के द्वारा ऐसे बहुत से चमत्कार होते थे।नीम करौली बाबा जी एक सिद्ध पुरुष थे। बाबा अपने पैर छूने से लोगों को मना किया करते थे बाबा कहते थे अगर पैर छूने हैं तो हनुमान जी के पैर छूओ।