पंडित उदय शंकर भट्ट
हर रोज की तरह हम आज भी लाए हैं आपके लिए पंचांग, जिसको देखकर आप बड़ी ही आसानी से पूरे दिन की प्लानिंग कर सकते हैं। आज का दिन आपके लिए सुखद रहने वाला है।
आज अगहन (मार्गशीर्ष) मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है, इसका नाम मोक्षदा है। द्वापर युग में इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, इस वजह से इस तिथि पर गीता जयंती भी मनाते हैं। बुधवार और एकादशी के योग में विष्णु जी के साथ ही भगवान गणेश और बुध ग्रह की भी विशेष पूजा करनी चाहिए।
मोक्षदा एकादशी व्रत अक्षय पुण्य देने वाला व्रत है, इस व्रत से जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों के फल नष्ट होते हैं, परेशानियों से मुक्ति मिलती है और क्रोध, मोह, लालच जैसी बुराइयां छोड़ने की प्रेरणा मिलती है। इस व्रत में पूजा-पाठ के साथ ही गीता का पाठ करने की भी परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
जो लोग एकादशी व्रत कर रहे हैं, उन्हें दिनभर निराहार रहना चाहिए। अगर भूखे रहना संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं, दूध और फलों के रस का सेवन कर सकते हैं। दैनिक काम करते समय विष्णु जी का ध्यान करते रहना चाहिए।
श्रीकृष्ण की शिक्षाओं को जीवन में उतार लेने से हमारी समस्याएं दूर हो सकती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से हमें संदेश मिलता है कि कैसे हम अपने सारे काम पूरे कर सकते हैं, पारिवारिक रिश्ते और मित्रता कैसे निभा सकते हैं, घर-परिवार के साथ अपनी अन्य जिम्मेदारियां कैसे पूरी कर सकते हैं। जब श्रीकृष्ण द्वारिका में रहते थे तो प्रजा की समस्याएं सुलझाते थे। इसके अलावा 16108 रानियों और अपने बच्चों को भी समय देते थे। जब वे किसी युद्ध या यात्रा पर जाते थे तो परिवार रुक्मिणी संभालती थीं और राज्य का काम बलराम संभालते थे। श्रीकृष्ण ने संदेश दिया है कि हमें अपनी जिम्मेदारियों को बांटना चाहिए, तभी सभी काम ठीक से पूरे हो सकते हैं। हमें कर्म करने में पीछे नहीं हटना चाहिए।
• एकादशी की सुबह तुलसी को जल चढ़ाएं और सूर्यास्त के बाद घर के आंगन में तुलसी के पास दीपक जलाएं। ध्यान रखें शाम को तुलसी को छूना नहीं चाहिए।
• बुधवार और एकादशी के योग में बुध ग्रह के लिए भी विशेष दान-पुण्य करेंगे तो कुंडली के बुध ग्रह से जुड़े दोषों का असर कम हो सकता है। बुध ग्रह के लिए हरे मूंग का दान करना चाहिए।
• गीता जयंती पर पवित्र ग्रंथ गीता का पाठ करें। पूरे ग्रंथ का पाठ करना संभव न हो तो अपने समय के अनुसार कुछ अध्यायों को पाठ कर सकते हैं। गीता की सीख को जीवन में उतारने का संकल्प लें। गीता के उपदेशों को जीवन में उतार लेंगे तो सभी परेशानियां शांत हो जाएंगी।
• एकादशी पर किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें। गायों को हरी घास खिलाएं।
आज का भगवद् चिन्तन
शुभ गीता जयंती
जीवन जीने की दिव्यतम-भव्यतम कल्पना का साकार रूप ही श्रीमद्भगवद्गीता है। जीवन की ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका समाधान गीता से न प्राप्त किया जा सके। गीता अर्जुन के समक्ष अवश्य गायी गई लेकिन केवल अर्जुन के लिए नहीं गायी गई। भगवान श्रीकृष्ण ने गायी ताकि हम जीवन में समत्व को धारण करते हुए लाभ-हानि में, सुख-दुःख में और सम-विषम परिस्थितियों में आनंदपूर्वक जी सकें।
वर्तमान समय में मनुष्य जीवन की बहुत सारी समस्याओं से पीड़ित है। मनुष्य केवल अभाव से दुःखी नहीं है अपितु अपने स्वभाव से दुःखी है। वो दुःखी है, खिन्न है, विषादग्रस्त है लेकिन इन सबके पीछे के कारणों से भी अनभिज्ञ है। गीता रोग भी बताती है, औषधि भी बताती है और मानव मन का उपचार भी करती है। हमारे जीवन का विषाद, प्रसाद बन जाये यही तो गीता जी के आश्रय का फल है।
श्री गीता जयंती की आप सभी को अनंत शुभकामनाएं एवं मंगल बधाई
आज का पंचांग
तिथि: एकादशी – 01:09, दिसम्बर 12 तक
नक्षत्र: रेवती – 11:48 तक
योग: वरीयान् – 18:48 तक
करण: वणिज – 14:27 तक
द्वितीय करण: विष्टि – 01:09, दिसम्बर 12 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: बुधवार
अमान्त महीना: मार्गशीर्ष
पूर्णिमान्त महीना: मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि: मीन – 11:48 तक
सूर्य राशि: वृश्चिक
मोक्षदा एकादशी आज
एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। जो श्रद्धालु व्रत कर रहे हैं उन्हें व्रत तोड़ने से पहले हरि वासर समाप्त होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है। व्रत तोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल होता है। व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिए। कुछ कारणों की वजह से अगर कोई प्रातःकाल पारण करने में सक्षम नहीं है तो उसे मध्याह्न के बाद पारण करना चाहिए।