मेरा गांव सुरक्षित रहे

हिमशिखर ब्यूरो
पं. उदय शंकर भट्ट
गांव में कोरोना नामक महामारी फेल रही है जिसके एक कारक हम भी हैं और आश्रय देने वाले हम स्वयं में हैं। यह बीमारी जुखाम-बुखार खांसी निःस्वाद कर हमें बता रही है कि हम कोरोना नामक रोग से ग्रसित हो सकते हैं। हम यह सब महसूस करते हुए भी स्वयं को या परिवार में अगर किसी को हुआ हो तो सामान्य सर्दी जुखाम बुखार बता करके और प्रश्रय दे रहे हैं, जिसका कारण है इसको हम अपने गांव से गांव में अधिक से अधिक फैला रहे हैं। जरूरी है कि तुरंत स्वास्थ्य विभाग से परामर्श किया जाए। यह बीमारी है इसका निराकरण आपका अपना विश्वास हम लड़ सकते हैं तो इस बीमारी से क्यों नहीं विश्वास रखो
इस बीमारी से भी आप आत्मबल के साथ विजय प्राप्त करेंगे। छिपा करके कोई लाभ नहीं हमें स्वयं को अपने परिवार को अपने पड़ोसी को अपने गांव वासियों को सुरक्षित रखना है तो हमें बताना भी पड़ेगा कि हमारे यहां बीमार है या मैं बीमार हूं कोई ना आए ताकि वह सुरक्षित रहे और मेरा गांव सुरक्षित रहे। इसका एकमात्र यही इलाज है दूसरे को बचाने का, हम जानते हैं कि हमारे गांव में स्वास्थ्य के नाम पर कुछ भी नहीं है इसलिए हमें अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है हम लोग मास्क पहने और इकट्ठे ना हो दूरी बनाए रखें । अफवाहों से बचे रहें हवा में कोई बीमारी नहीं है यह हमारी लापरवाही का नतीजा है हम मास्क ना पहन कर के दूरी ना स्थापित करके इस बीमारी को बढ़ा रहे हैं 2 गज की दूरी मास्क है जरूरी इसका पालन करें

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