स्वामी रामतीर्थ परिसर: विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज के पारस्परिक संबंधों को पुख्ता करने का दिन है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

नई टिहरी।

Uttarakhand

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को स्वामी रामतीर्थ परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉक्टर सी वी रमन को याद किया गया।

 

स्वामी रामतीर्थ परिसर निदेशक प्रो. ए.ए. बौड़ाई और पूर्व निदेशक प्रो. आर. सी. रमोला ने डॉ. रमन के छाया चित्र पर माल्यार्पण किया।
उदघाटन सत्र में परिसर निदेशक प्रो. ए.ए. बौड़ाई ने उपस्थित सभी शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को विज्ञान दिवस की उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने आधुनिक जीवन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की बढ़ती उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला।
परिसर के पूर्व निदेशक प्रो. आर.सी. रमोला, भौतिकी विभाग, ने आदिकाल से लेकर आज तक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में होने वाले अनुसंधान कार्यों की संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाते हैं। कहा कि यह दिवस विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज के पारस्परिक संबंधों को पुख्ता करने का दिन है।
कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. एन.के. अग्रवाल, विभागाध्यक्ष, जंतु विज्ञान विभाग ने सी.वी. रमन के द्वारा किये गए शोध कार्य के बारे में छात्र-छात्राओं जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने विज्ञान की विभिन्न शाखाओं की एक-दूसरे पर निर्भरता के बारे में भी प्रकाश डाला और कहा कि समाज का विकास विज्ञान और प्रौद्योगिकी के आधार पर ही सम्भव है। प्रो. एम.एम.एस. नेगी, विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान ने भी हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के प्रभाव पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर डॉ रविन्द्र सिंह, जंतु विज्ञान विभाग; डॉ यू.एस. नेगी एवं डॉ शंकर लाल, गणित विभाग, डॉ भारत भूषण शर्मा, जंतु विज्ञान विभाग, डॉ रविन्द्र सिंह असवाल, पर्यावरण विज्ञान विभाग ने कार्यक्रम में उपस्थित रहे। इसके अलावा M.Sc., B.Sc. B.A. M.A. तथा एन.सी.सी. के 115 छात्र-छात्राओं के द्वारा कार्यक्रम में सक्रिय प्रतिभाग किया गया।

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