पं उदय शंकर भट्ट
हिम शिखर ब्यूरो।
दुर्गा पूजा को दुर्गा का उत्सव या नवरात्रि के नाम जाना जाता है। इस साल चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से 21 अप्रैल रामनवमी तक चलेंगे। खास बात यह है कि इस साल सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग में नवरात्रि की शुरूआत हो रही है। इन शुभ योगों में शक्ति पर्व शुरू होने से देवी पूजा आराधना से मिलने वाला शुभ फल और बढ़ जाएगा। ज्योतिष के अनुसार, इस बार देवी घोड़े पर सवार होकर आएंगी
नवरात्रि में कई गुना हो जाता है पूजा का फल
नवरात्रि पर देवी दुर्गा भक्तों की साधना से प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। नवरात्रि पर देवी दुर्गा की साधना और पूजा.पाठ करने से आम दिनों के मुकाबले पूजा का कई गुना ज्यादा फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि भगवान राम ने भी लंका पर चढ़ाई करने से पहले रावण से युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए देवी की साधना की थी।
जब भी माता घोड़े पर सवार होकर आती हैं बढ़ जाती है युद्ध की आशंका
इस बार चैत्र नवरात्रि मंगलवार को शुरू होगी, जिसकी वजह से मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी। देवी मां जब भी घोड़े पर आती हैंए तो युद्ध की आशंका बढ़ जाती है। प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि पर्व की शुरुआत होगी। घट स्थापना करते हुए भगवान गणेश की वंदना के साथ माता शैल पुत्री की पूजा, आरती की जाती है।
साल में आते हैं 4 नवरात्र
पंचांग के मुताबिक ये हिंदू नववर्ष का पहला दिन रहेगा। नवरात्र का समापन 21 अप्रैल को रामनवमी के अबूझ शुभ मुहूर्त के साथ ही होगा। बता दें कि साल में कुल चार बार नवरात्र मनाए जाते हैं। जिनमें चैत्र और शारदीय नवरात्र मुख्य माने जाते हैं। वहींए माघ और आषाढ़ में गुप्त नवरात्र होते हैं। नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना भी की जाती है और इन दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है।
देवी के इन नौ स्वरूपों की होगी आराधना
13 अप्रैल : प्रतिपदा– मां शैलपुत्री की पूजा और घटस्थापना
14 अप्रैल : द्वितीया- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
15 अप्रैल : तृतीया- मां चंद्रघंटा पूजा
16 अप्रैल : चतुर्थी- मां कुष्मांडा पूजा
17 अप्रैल : पंचमी- मां स्कंदमाता पूजा
18 अप्रैल : षष्ठी-मां कात्यायनी पूजा
19 अप्रैल : सप्तमी-मां कालरात्रि पूजा
20 अप्रैल : अष्टमी-मां महागौरी
21 अप्रैल : रामनवमी-मां सिद्धिदात्री
22 अप्रैल : दशमी- नवरात्रि पारण।