नवरात्रि विशेष: जानिए नवरात्रि पूजन में नौ कन्याओं के साथ क्यों किया जाता है एक लड़के का पूजन

Uttarakhand

इस समय चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है। देवी भक्त अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं। कन्या पूजन में एक बालक का पूजन भी अवश्य किया जाता है। कन्याओं के साथ बालक पूजन की परंपरा का निर्वहन बहुत पहले से किया जाता है। लेकिन ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है। आइए जानते हैं कि कन्या पूजन के साथ एक बालक (लड़के) का भी पूजन क्यों किया जाता है?-


हिम शिखर ब्यूरो
सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। उसमें भी कन्या पूजन का और अधिक महत्त्व है। इस समय चैत्र नवरात्रि चल रही है। नवरात्रि के दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है तो साथ में एक बालक की पूजा भी की जाती है। नौ कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर पूजते हैं तो वहीं बालक को बटुक भैरव के रूप में पूजा जाता है। दरअसल, मां दुर्गा की पूजा के साथ भैरव की पूजा अवश्य की जाती है।

गृहस्थ लोग भगवान भैरव के बटुक रूप की पूजा करते हैं। मान्यता है कि भैरव के दर्शन के बिना माता रानी के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। जिस प्रकार से सभी कन्याओं का पूजन किया जाता है, उसी तरह से बालक का पूजन भी करना चाहिए।

कन्या का सम्मान सिर्फ 9 दिन नहीं जीवनभर करें

नवरात्रि के दौरान देश भर में कन्याओं को देवी का रूप मानकर पूजा जाता है। लेकिन, कुछ लोग नवरात्रि के बाद यह सब कुछ भूल जाते हैं। बहुत सी जगह कन्याएं शोषण का शिकार होती हैं और उनके अपमान की खबरे भी पढ़ने को मिलती हैं। कई लोग कन्या के जन्म पर दुखी हो जाते हैं। क्या ऐसा करके देवी मां के इन रूपों का अपमान नहीं होता है। देवी तुल्य कन्याओं और महिलाओं का सम्मान सदैव किया जाना चाहिए।

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