हिमशिखर खबर ब्यूरो
देहरादून: सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हुई। बैठक में 26 प्रस्तावों को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
पूरी मसूरी को तहसील बनाया जाएगा। उत्तराखंड संरचना संरक्षण अधिनियम में संशोधन किया गया।
उत्तराखंड सड़क परिवहन दुर्घटना निधि नियमावली में संशोधन किया गया। साथ ही कुछ पदों के नाम में बदलाव किया गया है।
सिंचाई: 75% के बजाय 85% बोरिंग टेक्नीशियन पदों पर सीधी भर्ती होगी।
आयुष विभाग: लिपिकीय संवर्ग को मर्ज किए गए हैं उनका अब जिले से निदेशालय में तबादला हो सकेगा।
पुलिस दूरसंचार विभाग में 8700 ग्रेड पे में दो पदों का सृजन किया गया। कुल 18 पद हैं।
पीपीएस ऑफिसर के ढांचे में परिवर्तन किया गया। इसमें दो पद कम किए गए हैं। अब कुल 15 पद सृजित हैं।
पशुपालन विभाग: कृत्रिम गर्भाधान का काम करने वालों को अब पहाड़ में प्रति केस 100 रुपये व मैदान में 80 रुपये मिलेंगे।
खेल विभाग: अगले साल राष्ट्रीय खेलों को लेकर निर्णय जल्दी लेने के लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है।
गन्ना विकास: यूपी के बराबर 5.50 रुपये प्रति कुंतल कमीशन गन्ना समितियों को मिलेगा।
रुद्रपुर के ग्राम बागवाला में पीएम आवास प्रोजेक्ट के लिए 15 हैक्टेयर जमीन आवास विभाग के बजाय प्राधिकरण के नाम होगी।
उद्योग: अगर व्यक्ति 80 प्रतिशत जमीन खरीद सकता है और 20% नहीं खरीद पाता तो सरकार अधिग्रहण करके देगी।
कौशल विकास: कर्नाटक के मॉडल की तर्ज पर राज्य में टाटा टेक्नोलॉजी 13 आईटीआई को अडॉप्ट करेगा। इंडस्ट्री की मांग के हिसाब से ऐसे कोर्स चलाएगा। सरकार भी कुछ पैसा लगाएगी। साथ ही प्रदेश में मॉडर्न आईटीआई बनेंगे।
आईटीबीपी को जमीन का मामला: देहरादून में खैरी मानसिंग का प्रस्ताव परीक्षण के बाद दोबारा कैबिनेट में आएगा।
चौरासी कुटिया के मास्टर प्लान व डिजाइन के लिए वाराणसी व उज्जैन का मॉडल बनाने वाली कंपनी की मदद से होगा।
आवास विभाग: हरिद्वार और ऋषिकेश की पुनर्विकास योजना को मंजूरी। दोनों का मास्टर प्लान बन रहा है जो छह माह में तैयार हो जाएगा।
उच्च शिक्षा: मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना में बदलाव किया गया है।
उच्चतर शिक्षा समूह की नियमावली आई है जिसमें कई संशोधन हुए हैं।
नई एमएसएमई नीति को मंजूरी। पहले उत्तराखंड को 5 श्रेणी में बांटा गया था। अब 4 में बांटा गया है।
सभी धर्मों के लिए मैरिज रजिस्ट्रेशन जरूरी कर दिया गया है।