वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल में सुधार पर नीति आयोग का स्थिति पत्र

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

नई दिल्ली:नीति आयोग ने वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल में सुधार पर एक स्थिति पत्र जारी किया है जिसमें उनके सम्मान, गरिमा और प्रतिष्ठापूर्ण जीवन पर जोर दिया गया है।

नीति आयोग ने सोमवार को यहां बताया कि “भारत में नागरिकों की देखभाल में सुधार करनाः वरिष्ठ नागरिक देखभाल प्रतिमान की कल्पना ” शीर्षक से एक स्थिति पत्र जारी किया गया है। इस रिपोर्ट को नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद  के. पॉल, सीईओ बी वी आर सुब्रमण्यम और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव सौरभ गर्ग की उपस्थिति में जारी किया गया। एल.एस.चांगसन, एएसएंडएमडी, स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय राजीब  सेन, वरिष्ठ सलाहकार, नीति आयोग, मोनाली पी. धकाते, संयुक्त सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग और कविता गर्ग, संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय भी लॉन्च के अवसर पर उपस्थित रहे।

इस अवसर पर बोलते हुए, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा, “इस रिपोर्ट का जारी होना विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता की दिशा में उठाया गया एक कदम है। वरिष्ठ नागरिक देखभाल के लिए प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग को व्यापक रूप से प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है। अब चिकित्सा और सामाजिक आयामों के अलावा वरिष्ठ नागरिक देखभाल के विशेष आयामों के बारे में सोचना शुरू करने का समय आ गया है।

“यह वह समय है जब उम्र बढ़ने को गरिमा से प्रेरित, सुरक्षित और सकारात्‍मक बनाने पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए। हमें बुजुर्गों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनकी भलाई तथा देखभाल पर अधिक जोर देने की जरूरत है। यह बात नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने अपने संबोधन में कही।

बढ़ती उम्र में स्वस्थ रहने के लिए एक इकोसिस्‍टम विकसित करने में परिवार और पारिवारिक मूल्यों की भूमिका महत्वपूर्ण है। नीति आयोग के सीईओ बी वी आर सुब्रमण्यम ने कहा, यह रिपोर्ट भारत में स्वस्थ उम्र बढ़ने के लिए उचित नीति निर्देश सामने लाई हैं।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव सौरभ गर्ग ने कहा, “रिपोर्ट वरिष्ठ नागरिक देखभाल पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए क्या करने की आवश्यकता है, इस बारे में कार्रवाई करने का आह्वान करती है।” उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग का व्यापक ध्यान सम्मान के साथ उम्र बढ़ने, घर पर उम्र बढ़ने और सकारात्‍मक रूप से उम्र बढ़ने पर है, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य पहलू शामिल होंगे।

इस स्थिति पत्र में की गई सिफारिशें सशक्तिकरण, सेवा वितरण और चार मुख्य क्षेत्र – स्वास्थ्य, सामाजिक, आर्थिक/वित्तीय और डिजिटल के तहत उनके समावेशन के संदर्भ में आवश्यक विशिष्ट हस्तक्षेपों को वर्गीकृत करती हैं। यह वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती चिकित्सा और गैर-चिकित्सा आवश्यकताओं को पहचानकर वरिष्ठ नागरिक देखभाल की सीमाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास करता है, इस प्रकार यह एक प्रभावी और समन्वित वरिष्ठ देखभाल नीति को तैयार करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति की कल्पना करता है।

स्थिति पत्र “भारत में वरिष्ठ देखभाल सुधार” को रिपोर्ट अनुभाग के अंतर्गत https://niti.gov.in/report-and-publication से प्राप्त किया जा सकता है।

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