- दो हफ्ते तक चलेगा प्रशिक्षण, जंगल में जाकर मॉक ड्रिल भी होगा
प्रदीप बहुगुणा
देहरादून : अब जंगलों को आग से बचाने के लिए एनडीआरएफ का भी सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए उन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है। केंद्रीय वन एवम पर्यावरण मंत्रालय ने प्रशिक्षण का जिम्मा एफआरआई देहरादून की केंद्रीय अकादमी को सौंपा है। इस समय यह प्रशिक्षण देहरादून के अलावा तमिलनाडु के कोयंबटूर में भी दिया जा रहा है। देहरादून में दो हफ्ते तक चलने वाले प्रशिक्षण की शुरुआत सोमवार को हुई। प्रशिक्षण के लिए एनडीआरएफ की 15वीं बटालियन के 50 जवान बाजपुर से आए हैं। प्रशिक्षण 50_50 के ग्रुप में दिया जाएगा।
केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून में यह प्रशिक्षण 18 फरवरी तक चलेगा। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की 15वी बटालियन के लिए वनाग्नि रोकथाम और शमन रणनीतियों संबंधी दो साप्ताह तक चलने वाले विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने आनलाइन और निदेशक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी भारत ज्योति ने मौके पर मौजूद रह कर किया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 15वीं बटालियन के 50 प्रतिभागी प्रतिभाग रहे हैं। जिनमें 2 अधिकारी 4 निरीक्षक, 3 उपनिरीक्षक व 41 प्रतिभाग कर रहे है।
यह पहला मौका है जब केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की बटालियन के लिए वनाग्नि रोकथाम और शमन रणनीति संबंधी विषय पर विशेष प्रशिक्षण का आयोजन कर रही है।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को प्रथम सप्ताह में वनाग्नि रोकथाम और शमन रणनीतियों की जानकारी, अग्निशमन उपकरण तथा भारतीय वन सर्वेक्षण के फोरेस्ट फायर अलर्ट सिस्टम की जानकारी दी जायेगी तथा दूसरे सप्ताह में उत्तराखण्ड राज्य वन विभाग की टीम के सहयोग से फिल्ड एक्सर साइज एवम मोक ड्रिल प्रशिक्षण दिया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारत ज्योति, निदेशक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून ने केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून द्वारा दिये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्राचार्या को बधाई दी।
मीनाक्षी जोशी, प्राचार्या ने अपने उद्घाटन सम्बोधन के दौरान वनाग्नि रोकथाम और शमन रणनीतियों संबंधी पहलुओ के महत्व के बारे में जानकारी दी। उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून के प्रधानाचार्या एवं सभी संकाय सदस्य मौजूद रहे।