रानीचौरी। देश भर में आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर चल रहे भारत अमृत महोत्सव के अंतर्गत वानिकी महाविद्यालय रानीचौरी में मंगलवार को वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें छात्रों, शोधार्थियों, किसानों, वैज्ञानिकों, मशरूम उत्पादकों आदि ने औषधीय मशरूम गैनोडर्मा लूसिडम की उपयोगिता, उत्पादन तकनीकी एवं आजीविका अर्जन पर चर्चा की।
वेबिनार का विषय औषधीय मशरूम गैनोडर्मा लूसिडम से आजीविका रखा गया। कार्यक्रम का आयोजन वानिकी महाविद्यालय रानीचौरी में चल रही परियोजना औषधीय मशरूम गैनोडर्मा लूसिडम से आजीविका अर्जन जो कि राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन अल्मोड़ा, भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित है के अंन्तर्गत किया गया।
इस अवसर पर परियोजना अन्वेषक डा. अरविन्द बिजल्वाण ने उक्त परियोजना के बारे में विस्तार से बताया एवं औषधीय मशरूम गैनोडर्मा लूसिडम से आजीविका विषय पर चर्चा की।
परियोजना में कार्यरत शोधकर्ता कल्पना बहुगुणा ने औषधीय मशरूनम गैनोडर्मा लूसिडम पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। डा. अरविन्द बिजल्वाण ने इस परियोजना के संचालन में की जा रही सहायता हेतु वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 अजीत कुमार कर्नाटक एवं वानिकी महाविद्यालय रानीचौरी के अधिष्ठाता डा. वी. पी. खंण्डूड़ी का धन्यवाद किया।
कार्यक्रम में डा. अमोल वशिष्ठ, डा0 अजय यादव, डा. सुमित चैधरी, ई0 पदम सिंह, देवेन्द्र सिहं, गौरव कोठारी, सुरेन्द्र असवाल आदि उपस्थित रहे।