नई दिल्ली
पूरा भारत देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए उत्साह से तैयार हो गया है। सारे देश ने इसका जयघोष एक साथ राष्ट्रगान गाकर कर दिया है। डेढ़ करोड़ देशवासियों द्वारा अपना गाया राष्ट्रगान वेबसाइट पर अपलोड किया जाना एक असाधारण कीर्तिमान बना है। यह भारत की एकता, अखंडता और समरसता का उदघोष है।
विगत 25 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में देशवासियों से एक साथ राष्ट्रगान गाने का आह्वान किया था। यह आह्वान किसी मंत्र की तरह समूचे भारत वासियों के मन मे समा गया और देखते ही देखते सबने मिलकर एक अपराजेय कीर्तिमान रच डाला।
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की पहल पर 15 अगस्त तक राष्ट्रगान गाकर वेबसाइट पर अपलोड करने का कार्यक्रम रचा गया। इसमे देश का सभी हिस्सों से, सभी वर्गों से लोगो ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। बच्चे, बुजुर्ग,युवा, महिलाएं मानो कोई किसी से पीछे नही रहना चाहता था। नामी गिरामी कलाकार, जाने माने विद्वान, बड़े से बड़े नेता, आला अफसर, जाबांज सिपाही, मशहूर खिलाड़ियों से लेकर किसान, मजदूर, दिव्यांग तक सभी ने बराबरी से इसमे भाग लिया और एक स्वर में राष्ट्रगान गाया।
कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और अरुणाचल प्रदेश से लेकर कच्छ तक सभी दिशाओं से जन गण मन के ही स्वर गूंज रहे हैं। भारत के बाहर रहने वाले देशवासियों ने भी इसमे उत्साह से हिस्सा लिया और दिखा दिया कि तन उनका भले ही दूसरे देश मे हो लेकिन मन तो उनका इसी भारत भूमि में रचा बसा है। हज़ारो मील दूर किसी कोने में बैठे भारत वासी ने जब अकेले में राष्ट्रगान गाया तो उसका स्वर एक सौ छत्तीस करोड़ देशवासियो एकाकार हो गया।
सिर्फ इकीस दिन में डेढ़ करोड़ की संख्या पार हो जाना प्रतीक है इस बात का कि अगर भारतवासी ठान लें तो कोई लक्ष्य कठिन नही हैं। यह इस बात का भी प्रतीक है कि डिजिटल इंडिया का भी स्वप्न साकार होने वाला है क्योंकि हर भारत वासी ने डिजिटल तकनीक का उपयोग करके अपना गान अपलोड किया है।
राष्ट्रगान हमारी आन बान शान का प्रतीक है। राष्ट्रगान गाने के इस कार्यक्रम से सभी मे उत्साह और उमंग का तो संचार हुआ ही है साथ पूरे विश्व को भी भारत की मजबूत एकता का संदेश मिल गया है।