पंडित उदय शंकर भट्ट
25 अप्रैल से 1 मई के बीच मंगलवार को वरुथिनी एकादशी व्रत किया जाएगा। वैशाख महीना होने से इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा के साथ अन्न और जल दान करने कई यज्ञ करने जितना पुण्य फल मिलता है। गुरुवार त्रयोदशी तिथि होने से गुरु प्रदोष का संयोग बनेगा। इस दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। सप्ताह के आखिरी में शनिवार को अमावस्या होने से शनैश्चरी अमावस्या का शुभ संयोग बनेगा। इस दिन तीर्थ स्नान और दान करने से कई गुना पुण्य मिलता है।
ज्योतिषीय नजरिये से भी ये सप्ताह खास रहेगा। हफ्ते के पहले ही दिन बुध की चाल में बदलाव होगा। बुधवार को शुक्र और शुक्रवार को शनि का राशि परिवर्तन होगा। इस तरह तीन ग्रहों की चाल बदलने से ये हफ्ता बहुत खास रहेगा। शनिवार को अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण रहेगा। लेकिन भारत में नहीं दिखने पर इसका धार्मिक महत्व नहीं होगा। वहीं, 28 और 29 तारीख को खरीदारी और नई शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त रहेंगे।
25 अप्रैल से 1 मई तक का पंचांग
25 अप्रैल, सोमवार – वैशाख कृष्ण पक्ष, दशमी
26 अप्रैल, मंगलवार – वैशाख कृष्ण पक्ष, एकादशी, वरुथिनी एकादशी व्रत
27 मार्च, बुधवार – वैशाख कृष्ण पक्ष, द्वादशी
28 मार्च, गुरुवार – वैशाख कृष्ण पक्ष, त्रयोदशी, प्रदोष व्रत
29 अप्रैल, शुक्रवार – वैशाख कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी
30 अप्रैल, शनिवार – वैशाख अमावस्या, शनिश्चरी अमावस्या
1 मई, रविवार – वैशाख शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा
ज्योतिषीय नजरिये से ये हफ्ता
25 अप्रैल, सोमवार – बुध का राशि परिवर्तन
27 अप्रैल, बुधवार – शुक्र का राशि परिवर्तन
28 अप्रैल, गुरुवार – सर्वार्थसिद्धि योग
29 अप्रैल, शुक्रवार – सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि योग और शनि का राशि परिवर्तन