आज का पंचांग: जीवन-संपदा का महत्व

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज आषाढ़ मास की 25 है।

आज का पंचांग

सोमवार, जुलाई 8, 2024
सूर्योदय: 05:30 ए एम
सूर्यास्त: 07:23 पी एम
तिथि: तृतीया – पूर्ण रात्रि तक
नक्षत्र: पुष्य – 06:03 ए एम तक
योग: वज्र – 02:06 ए एम, जुलाई 09 तक
करण: तैतिल – 05:29 पी एम तक
द्वितीय करण: गर – पूर्ण रात्रि तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: सोमवार
अमान्त महीना: आषाढ़
पूर्णिमान्त महीना: आषाढ़
चन्द्र राशि: कर्क
सूर्य राशि: मिथुन

आज का विचार

जब जल गन्दा हो तो उसे हिलाते नहीं बल्कि शान्त छोड़ देते हैं जिससे गन्दगी अपने आप नीचे बैठ जाती जाती है, इसी प्रकार जीवन में परेशानी आने पर बेचैन होने के बजाय शान्त रहकर विचार करें, हल जरूर निकलेगा

जीवन-संपदा का महत्व

समय चक्र गतिमान है, इसे न कोई रोक पाया है और न ही कोई रोक पायेगा इसलिए समय रहते आत्मज्ञान परम आवश्यक है अन्यथा विनाश है।

जीवन-संपदा का महत्व समझने और इसे सार्थक करने के लिए आत्मबोध का होना आवश्यक है। आत्मबोध का शाब्दिक अर्थ है स्वयं की समझ। दूसरे शब्दों में कहें तो अपनी भावनाओं, अनुभूतियों, दायित्वों, क्षमताओं और कमजोरियों आदि का स्पष्ट ज्ञान। मनुष्य ही ऐसा प्राणी हैं जो आत्मज्ञान द्वारा नर से नारायण की अनुभूति कर सकता है। आत्मज्ञान की अनुभूति होने से जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी सुख एवं शांति का अनुभव होता है। आत्मज्ञानी सदैव राग-द्वेष से नि:स्पृह रहता है। सर्वत्र संतुष्ट रहता है। स्वयं में परिपूर्ण रहता है। आत्मज्ञान से मनुष्य निर्भय होता है।

आत्मबोध से ही व्यक्ति व्यावहारिक और आध्यात्मिक जीवन में संतुलन स्थापित कर सुख, शांति एवं समृद्धि प्राप्त करता है। आत्मज्ञान की अनुभूति ही परमात्मिक आनंद का गंतव्य है। यही वह अमृत है, जिसे पाने के उपरांत कुछ पाना शेष नहीं रह जाता। कहा भी जाता है ज्ञान श्रेष्ठ है, लेकिन आत्मज्ञान उससे भी श्रेष्ठ है। स्वयं को जान लेने के बाद ही अन्य प्राप्त ज्ञान का सदुपयोग हो पाता है।

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