पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि और बुधवार का दिन है।आज ही सूर्य ग्रहण भी होगा, लेकिन ये भारत में नहीं दिखेगा, इस कारण यहां ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा, पूरे दिन पूजा-पाठ किए जा सकेंगे, दोपहर में पितरों के लिए श्राद्ध करें और शाम को तुलसी का पूजन करें। जानिए सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या और सूर्य ग्रहण से जुड़ी खास बातें…
- भारतीय समय अनुसार सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर की रात 9.13 बजे से शुरू होगा और मध्य रात्रि 3.17 बजे खत्म होगा।
- आज का सूर्य ग्रहण भारत नहीं दिखेगा, इसलिए हमारे यहां इस ग्रहण का सूतक भी नहीं रहेगा। अर्जेंटिना और चिली में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। इन देशों के अलावा अंटार्कटिका, ब्राजिल, मेक्सिको, न्यूजीलैंड, पेरू, अमेरिका सहित कई देशों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
- भारत में ग्रहण नहीं दिखने से यहां सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या से जुड़े सभी धर्म-कर्म पूरे दिन किए जा सकेंगे। दिन की शुरुआत में गणेश जी, विष्णु-लक्ष्मी, शिव-पार्वती और अन्य देवी-देवताओं की पूजा करें। अमावस्या से जुड़े दान-पुण्य करें। जरूरतमंद लोगों को खाना, धन, का दान देना चाहिए।
- आज दोपहर करीब 12 बजे पितरों के लिए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण आदि शुभ काम करें। पितरों के लिए दोपहर का ही समय सबसे अच्छा रहता है। सुबह और शाम को देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए और दोपहर में पितरों के लिए धूप-ध्यान करना चाहिए।
- इस साल पितृ पक्ष में जिन पूर्वजों के लिए श्राद्ध करना भूल गए हैं और जिनकी मृत्यु की जानकारी नहीं है, उनके लिए आज अमावस्या पर ही श्राद्ध कर्म करें।
- श्राद्ध करने के लिए दोपहर में गाय के गोबर से बने कंडे जलाएं। कंडों से जब धुआं निकलना बंद हो जाए, तब अंगारों में गुड़ी-घी डालें। आप खीर-पुड़ी से भी धूप दे सकते हैं। धूप देते समय कुटुंब के जाने-अनजाने सभी पितरों का ध्यान करना चाहिए।
- धूप देने के बाद हथेली में जल लें और पितरों का ध्यान करते हुए अंगूठे की ओर से जमीन पर छोड़ें। हथेली में अंगूठे के पास के हिस्से के स्वामी पितर देव माने जाते हैं। इस हिस्से से जल अर्पित करने से पितरों को तृप्ति मिलती है। इसे तर्पण कहते हैं।
- सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर संक्षिप्त गरुड़ पुराण का पाठ करें। आप चाहें तो अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप करें।
- अमावस्या पर शनिदेव के लिए सरसों के तेल का दान करें। शनिदेव के मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नमः का जप करें।
- हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करें। ध्यान रखें पाठ करते समय दीपक जलते रहना चाहिए।