देहरादून।
सूबे में आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज़ से भाजपा के चुनावी अभियान का बिगुल फूंकने के लिए 30 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आए थे और अब प्रधानमंत्री मोदी का कल 5 नवंबर का दौरा भाजपा के अभियान का चरम होगा। प्रधानमंत्री के केदारनाथ दौरे को आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वह केदारपुरी से उत्तराखंड को कुछ सौगात भी दे सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केदारनाथ धाम आ रहे हैं। बता दें कि दिवाली के बाद अगले छह महीने तक शीतकाल में केदारनाथ भक्तों के लिए बंद रहेगा। इसी बीच, उत्तराखंड समेत चार अन्य राज्यों में फरवरी 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस लिहाज से भी पीएम मोदी का उत्तराखंड दौरा अहम माना जा रहा है।
बताते चलें कि पीएम के दौरे से पहले देवस्थानम बोर्ड एक्ट का मुद्दा बड़ा हो चुका है। तीन दिन पहले बोर्ड का गठन करने वाले राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का केदारनाथ में विरोध हुआ और उन्हें पूजा करने से रोक दिया गया। उसके बाद ‘डैमैज कंट्रोल’ करने के लिए सीएम पुष्कर धामी को केदारनाथ धाम की यात्रा पर जाना पड़ा था। सीएम ने नाराज पुरोहित और पंडा समाज को मनाया।
सूत्रों की मानें तो पुरोहितों की नाराजगी को देखते हुए पीएम दौरे के तीन दिन पहले सीएम का केदारनाथ के दौरे का फैसला दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व से बातचीत के बाद ही लिया गया है।बातचीत में तय हुआ है कि पीएम के दौरे में बोर्ड को भंग करने का भरोसा पुरोहितों को दिलाया जाएगा। बोर्ड भंग होने की औपचारिक घोषणा का वक्त भी लगभग तय हो गया है। 30 नवंबर तक बोर्ड को भंग किया जा सकता है।
दरअसल, जनवरी 2020 में त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने चार धाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। इसके साथ ही चार धाम समेत 51 अन्य मंदिरों का नियंत्रण राज्य सरकार के पास आ गया था। उत्तराखंड में केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ चार धाम हैं। तब से ही पुरोहित और पंडा समाज इस फैसला को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं।