पंडित हर्षमणि बहुगुणा
एक घडी, आधी घड़ी,
आधी में पुनि आध।
तुलसी चरचा राम की,
हरै कोटि अपराध।।
1 घड़ी = 24 मिनट
1/2 घडी़ = 12 मिनट
1/4 घडी़ = 06 मिनट
*क्या ऐसा हो सकता है कि 6 मिनट में किसी साधन से करोडों विकार दूर हो सकते हैं।
उत्तर है! – *हाँ, हो सकते हैं
वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि…… !
*सिर्फ 6 मिनट *ॐ* *का उच्चारण करने से सैकडौं रोग ठीक हो जाते हैं जो दवा से भी इतनी जल्दी ठीक नहीं* *होते*………
छः मिनट *ॐ* का उच्चारण करने से मस्तिष्क में विषेश वाइब्रेशन (कम्पन) होता है…. और ऑक्सीजन का प्रवाह पर्याप्त होने लगता है।
*कई मस्तिष्क रोग दूर होते हैं.. स्ट्रेस और टेन्शन दूर होती है, स्मरण शक्ति बढती है..।*
लगातार सुबह शाम 6 मिनट *ॐ* के तीन माह तक उच्चारण से रक्त संचार संतुलित होता है और रक्त में *ऑक्सीजन लेबल* बढता है।
*रक्त चाप, हृदय रोग, कोलस्ट्रोल* जैसे रोग ठीक हो जाते हैं….।
मात्र 2 सप्ताह दोनों समय *ॐ* के उच्चारण से *घबराहट, बेचैनी, भय, एंग्जाइटी* जैसे रोग दूर होते हैं।
कंठ में विशेष कंपन होता है *मांसपेशियों को शक्ति* मिलती है..।
*थाइराइड, गले की सूजन दूर होती है और स्वर दोष दूर होने लगते हैं..।*
एक माह तक दिन में तीन बार 6 मिनट तक *ॐ* के उच्चारण से *पाचन तन्त्र, लीवर, आँतों को शक्ति प्राप्त होती है,* और डाइजेशन सही होता है, सैकडौं *उदर रोग* दूर होते हैं..।
उच्च स्तर का प्राणायाम होता है, और फेफड़ों में विशेष कंपन होता है..।
*फेफड़े मजबूत* होते हैं, *स्वसनतंत्र की शक्ति* बढती है, *6 माह में अस्थमा, राजयक्ष्मा (T.B.)* जैसे *रोगों में लाभ होता है।*
*आयु बढती है।*
ये सारे रिसर्च (शोध) विश्व स्तर के वैज्ञानिक स्वीकार कर चुके हैं।
*जरूरत है छः मिनट रोज करने की…..।* ”
” *ॐ का उच्चारण लम्बे स्वर में* ”
*सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया ।*
*सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित्दु:खभाग्भवेत ।।* “”‘
*मंगलमय भविष्य की हार्दिक शुभकामना , सुप्रभात के साथ ।