दु:खद : नहीं रहे प्रेमदत्त चमोली, पूर्णानंद घाट पर होगा अंतिम संस्कार

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हिमशिखर ब्यूरो

नई टिहरी। 

जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृतस्य च।
तस्मादपरिहार्येऽर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि
गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हुए कहते हैं कि जो जन्म लेता है, उसकी मृत्यु अवश्य होती है। यह कुदरती व्यवस्था है। इसलिए शोक करना तेरे लिए उचित नहीं है।


श्री रामकथा वाचक और आरएसएस के जिला परिवार प्रबोधन प्रमुख पंडित तिलकराम चमोली के पिता प्रेमदत्त चमोली (88) का बृहस्पतिवार को देहरादून स्थित आवास पर आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन पर सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों और स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।

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चंबा पाटा गांव निवासी प्रेमदत्त चमोली लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। बृहस्पतिवार अपराह्न को उन्होंने अंतिम सांस ली। वह अपने पत्नी, बेटा-बहु, तीन बेटियों और नाती-पोतों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए।

बताते चलें कि प्रेमदत्त चमोली ने सहारनपुर में सरकारी अस्पताल में अपनी सेवा दी। वे रिटायरमेंट  के बाद भगवद्भजन में लीन थे। शुक्रवार (आज) उनका अंतिम संस्कार ऋषिकेश पूर्णानंद घाट पर किया जाएगा।

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उनके निधन पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, उत्तराखंड विद्वत्त सभा के पूर्व अध्यक्ष पंडित उदय शंकर भट्ट, बीडीसी सदस्य रागिनी भट्ट, प्रधानाचार्य इंद्रपाल सिंह परमार, मोहन सिंह कुमाईं, कांग्रेस नेता राजेश्वर बडोनी, भाजपा के वरिष्ठ नेता जीतराम भट्ट आदि ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी।

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