मानवता की मिसाल पेश करते हुए नकोट में लोगों ने मोर की बचाई जान

मनुष्य जैसे अपने दुख दूर करने के लिए पुरुषार्थ करता है, ऐसे ही सबका दुख दूर करने का पुरुषार्थ करे।” इन गुण कर्मों के कारण ही वह वास्तव में मनुष्य कहलाता है। “वेदों के अनुसार ऐसे व्यक्ति को ही वास्तविक मनुष्य या असली मनुष्य कहते हैं। आज के दौर में देखा जाता है कि मानव इतना स्वार्थी हो गया है कि अपने आस पास के पशु-पक्षियों की मुसीबतों को अनदेखा कर देता है। वहीँ नकोट क्षेत्र में लोगों ने राष्ट्रीय पक्षी मोर की जान बचाकर सच्ची मानवता दिखाई। गजा से डी. पी. उनियाल की रिपोर्ट।

Uttarakhand

मखलोगी पट्टी के राजकीय प्राथमिक विद्यालय नकोट में विद्यालय प्रबन्ध समितियों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन पर जूनियर हाईस्कूल दिवाडा के सहायक अध्यापक संकुल समन्वयक देवराज भट्ट प्रशिक्षण दे रहे थे। तभी संकुल संसाधन केन्द्र नकोट के भवन के बाहर खेत में एक मोर आसमान से लड़खड़ा कर गिर गया।

सर्व शिक्षा अभियान के संकुल समन्वयक देवराज भट्ट ने कमरे की खिड़की से बाहर देखा कि आकाश में उड़ते हुए मोर पक्षी के पंख बिजली के तारों से टकरा गया और वह जमीन पर गिर कर हांफने लगा।

राष्ट्रीय पक्षी मोर को जीवन दान देने लिए भट्ट ने तत्परता से पशु सेवा केन्द्र नकोट के प्रभारी अनिल चमोली को घटना की जानकारी दी तथा तुरन्त दवाई ला कर इलाज करने का निवेदन किया गया। नकोट में कार्यरत पशु डाक्टर ने भी एक किलोमीटर पैदल चलकर राष्ट्रीय धरोहर मोर पक्षी को बचाने की कोशिश करते हुए 2 इंजेक्शन लगाकर जीवन दान दिया।

इस दौरान संकुल समन्वयक देवराज भट‌‌‌ ने रानीचौरी में कार्यरत वन विभाग के वन दरोगा ओमप्रकाश कुकरेती को भी जानकारी दी। मोर काे उपचार के बाद जीवन मिलने पर वन विभाग रानीचौरी को दिया गया।

सामाजिक सरोकारों के संगठन प्रगतिशील जन विकास संगठन गजा टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष दिनेश प्रसाद उनियाल, सिविल सोसायटी नकोट मखलोगी के अध्यक्ष विक्रम सिंह रावत, राजकीय प्राथमिक विद्यालय नकोट के प्रधानाध्यापक राकेश कुमार ने संकुल समन्वयक देवराज भट‌‌‌ तथा पशु सेवा केन्द्र नकोट के प्रभारी अनिल चमोली के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी है। बेजुबान को बचाकर सराहनीय कार्य किया गया है ।

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