भारतीय जन संचार संस्थान में शानदार सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए प्रोफेसर गोविंद सिंह

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

नई दिल्ली: हिंदी के यशस्वी पत्रकार और संपादक प्रोफेसर गोविंद सिंह भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में अपनी शानदार पारी पूरी कर सेवानिवृत्त हो गए। उनकी सेवानिवृत्ति पर संस्थान में विदाई समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में आईआईएमसी के महानिदेशक ने कहा “लोकप्रिय मीडिया शिक्षक कैसे अपने गुणों का रूपांतरण अपने विद्यार्थियों में करता है, वे इसके उदाहरण हैं। आईआईएमसी में रहते हुए डीन (अकादमिक) के रूप में उन्होंने बहुत अच्छा कार्य किया। मुझे उनके साथ कुछ समय कार्य करने का अवसर मिला, यह मेरा सौभाग्य है। आगामी सफर, सुखी और स्वस्थ जीवन के लिए हार्दिक शुभकामनाए।”

पिथौरागढ़ जिले के दूरस्थ सौगांव में जन्मे प्रोफेसर (डॉक्टर) गोविंद सिंह ने गांव में इंटर की पढाई के बाद पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से एम.ए., एम.फिल. और पी.एच.डी. की पढाई की। वे बीए (ऑनर्स) एमए और एम.फिल (हिंदी) में स्वर्ण पदक विजेता हैं। प्रोफेसर गोविंद सिंह को हिंदी पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए वर्ष 2011 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1990 के दशक में पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने के लिए दिल्ली पहुंचे। उस जमाने की मशहूर पत्रिका धर्मयुग से पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखा तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने धर्मवीर भारती, विश्वनाथ सचदेव, राजेंद्र माथुर, एसपी सिंह, विद्यानिवास मिश्र, विष्णु खरे, सूर्यकांत बाली, आलोक मेहता, लिया तह्यून और शशि शेखर के साथ काम किया। मुख्यधारा के मीडिया में काम करने का उनका अनुभव 30 साल से ज़्यादा है। उन्होंने अपने जीवन के महत्वपूर्ण समय धर्मयुग, नवभारत टाइम्स, ज़ी न्यूज़, आजतक, आउटलुक, स्पैन, अमर उजाला, हिंदुस्तान और कादम्बिनी में काम किया है। शिक्षण में भी हाथ आजमाया। पचास की उम्र पार करने के बाद अपनी बहुत पुरानी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में लौट आए। जिस पर प्रो गोविन्द सिंह ने पत्रकारिता और शिक्षण दोनों में काम शुरू किया।

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