हिमशिखर खबर ब्यूरो
नई टिहरी: विश्व धरोहर दिवस की पूर्व संध्या पर प्रताप नगर रानी महल के परिसर में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के विद्वान, साहित्यकार, इतिहासकार, रंग कर्मी बुद्धिजीवियों एवं छात्र-छात्राओं ने आगामी योजना पर विचार विमर्श किया और सुझाव भी पुराना दरबार ट्रस्ट को उपलब्ध कराए। शीघ्र ही इन सुझावों के आधार पर एक कार्य योजना प्रस्ताव स्वरूप तैयार की जाएगी।
प्रताप नगर तत्कालीन टिहरी रियासत की ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में विकसित हुआ। इसमें प्रशासनिक भवन एवं ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण किया गया। इसमें महाराज द्वारा विशेष अवसर पर यहां पूजा अर्चना भी की जाती थी। नवरात्र की नवमी की पूजा भी यहां पारंपरिक रूप से रानी महल के इस परिसर में की जाती आ रही है। इस भवन का सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व है जिसका संरक्षण आने वाली पीढियां के हित में किया जाना आवश्यक है।रानी महल समाज की मूल्यवान संपत्ति है, जो प्राचीन ऐतिहासिक और आध्यात्मिक एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसका संरक्षण और संवर्धन की प्रणाली समाज को गौरव और समाज से संबंधित होने का सार विकसित करने में मदद करती है और प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल के तहत समावेशी और सामूहिक रूप से पर्यटन को बढ़ावा देती है।
पुराना दरबार ट्रस्ट के ठाकुर भवानी प्रताप सिंह ने बताया कि प्राचीन स्थल एवं पुरातात्विक महत्व के भवन इस नियमावली मान्यता संशोधन एवं सत्यापन अधिनियम 10 के अधीन आते हैं और यह केंद्र और राज्य दोनों पर लागू होता है। स्मारक को पुरातात्विक स्थल घोषित किया जाता है या राष्ट्रीय या राज्य महत्व स्मारक बना रहता है ऐसे कानून को बढ़ाने की आवश्यकता है जो ऐतिहासिक इमारतों की देखभाल कर सके. ऐतिहासिक, सांस्कृतिक जागरूकता सुनिश्चित कर सके जनता को विरासत की जानकारी प्रदान कर सके।