राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने नक्षत्र वेधशाला को नया स्वरूप देने की बात कही

देवप्रयाग

Uttarakhand

राज्यसभा सांसद व भाजपा राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने देवप्रयाग में 1946 में स्थापित नक्षत्र वेधशाला को नया स्वरूप देने की बात कही है। उन्होनें उत्तराखंड की प्राचीन धरोहर को संरक्षित किए जाने की जरूरत बताई।

राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी द्वारा प्रसिद्ध विद्वान व समाजसेवी स्व आचार्य चक्रधर जोशी द्वारा स्थापित नक्षत्र वेधशाला का भ्रमण किया गया। उन्होंने देश की अनमोल धरोहरो को संजोनी वाली वेधशाला को महत्वपूर्ण संस्था बताया। राज्यसभा सांसद बलूनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आने वाला दशक उत्तराखण्ड का बताया है। इसके अनुरूप नक्षत्र वेधशाला देवप्रयाग की दुर्लभ धरोहर को संरक्षित किया जाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वेधशाला में पांच सौ वर्ष पुरानी पांडुलिपियों, कला चित्रों, प्राचीन व आधुनिक खगोलीय यंत्रों सहित महत्वपूर्ण मुद्रित ग्रंथो से युक्त पुस्तकालय के लिए कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बदरी, केदार, गंगा व यमुना की देवभूमि में प्राचीन धरोहर के रख रखाव के कार्य होना जरूरी है। नक्षत्र वेधशाला में उपलब्ध सामग्री के रख रखाव के लिए वह अपने स्तर से हर संभव प्रयास करेंगे जिससे आने वाली पीढ़ी इसका लाभ उठा सके। नक्षत्र वेधशाला प्रमुख आचार्य भास्कर जोशी ने राज्यसभा सांसद का स्वागत किया व उनसे नक्षत्र वेधशाला संस्थान को संरक्षित रखने में सहयोग का आग्रह किया। राज्य सभा सांसद बलूनी ने यहां टिहरी रियासत के समय से संग्रहित दुलर्भ हस्तलिखित ग्रंथों, प्राचीन सूर्य, जल, धुव्रघटी, पीपल के पत्तो पर उकेरी गयी पेंटिंग, एक पेज पर लिखी तीन सौ बर्ष पुरानी गीता व दुर्गा सप्तशती, चित्रमय पंचरतनी गीता सहित जर्मन, जापान, ब्राजील आदि से लाई गई विदेशी दुरबीनो आदि को देखा गया। इस मौके पर पत्रकार राजीव जेटली, सांसद प्रतिनिधि संजय बलूनी, सुबोध नौटियाल, दीपक बलूनी,वार्ड सदस्य रजनी देवी, मौलिक जोशी, इंद्रदत्त रतूड़ी, गिरीश कोटियाल आदि यहाँ मौजूद थे।

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