रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले-आक्रमण के लिए नहीं, बुरी नजर उठाने वालों के लिए बना रहे ब्रह्मोस मिसाइल

लखनऊ

Uttarakhand

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज लखनऊ में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्थापित रक्षा प्रौद्योगिकी और परीक्षण केंद्र तथा ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र की आधारशिला रखी। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थिति रहे।

ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा घोषित ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र, यूपी डीआईसी के लखनऊ नोड में एक अत्याधुनिक फैसिलिटी है। यह 200 एकड़ से अधिक क्षेत्र को कवर करेगी और नए ब्रह्मोस-एनजी (अगली पीढ़ी) संस्करण का उत्पादन करेगी, जो ब्रह्मोस हथियार प्रणाली को आगे बढ़ाएगी। यह नया केंद्र अगले दो से तीन वर्षों में तैयार हो जाएगा और प्रति वर्ष 80-100 ब्रह्मोस-एनजी मिसाइलों की दर से उत्पादन शुरू करेगा।

डीआरडीओ और ब्रह्मोस एयरोस्पेस के वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों को बधाई देते हुए राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों इकाइयां राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा उत्पादन के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा, अत्याधुनिक सुविधाएं रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगी।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम भारत की धरती पर ब्रह्मोस मिसाइल बनाना चाहते हैं। किसी देश पर आक्रमण करने के लिए नहीं, बल्कि भारत के पास ऐसी ताकत हो कि दुनिया का कोई देश भारत की ओर आंख उठाकर न देख सके। उन्होंने ब्रह्मोस को दुनिया का सबसे अच्छा और सबसे तेज सटीक-निर्देशित हथियार करार दिया, जिसने 21वीं सदी में भारत की विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि ब्रह्मोस ने सशस्त्र बलों को सशक्त बनाया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सैन्य प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। ब्रह्मोस-एनजी के बारे में उन्होंने कहा कि यह अधिक उन्नत मिसाइल प्रणाली है जिसने भूमि, पानी और हवा में अपनी मारक क्षमता साबित कर दी है तथा आने वाले वर्षों में भारतीय सेना की आधुनिक युद्ध क्षमता को काफी मजबूत करेगी। उन्होंने इस बात की सराहना की कि यूपी डीआईसी की स्थापना ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के अलावा राज्य की चौतरफा तकनीकी प्रगति के लिए नए रास्ते खोले हैं। उन्होंने कहा कि, “इसके उद्घाटन के समय हमने 3,732 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया था। इसमें 1,400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश पहले ही प्राप्त हो चुका है और प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।

राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि दो इकाइयों का शिलान्यास राष्ट्र की रक्षा के साथ-साथ रक्षा निर्माण और उत्तर प्रदेश राज्य तथा लखनऊ शहर की अर्थव्यवस्था में एक नया अध्याय है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार की अवसंरचना में सुधार तथा समाज के सभी वर्गों के लोगों के कल्याण तथा प्रगति के लिए विभिन्न पहलों की सराहना की।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी डीआईसी, डेफएक्सपो-2020 और झांसी में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड की स्थापना जैसी रक्षा मंत्रालय की पहलों के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, यूपी डीआईसी के सभी छह नोड्स में काम शुरू हो गया था और दो इकाइयों की आधारशिला रखना रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को पूरा किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये इकाइयां राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी और विश्वास व्यक्त किया कि ये इकाइयां राज्य के साथ-साथ राष्ट्र की प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगी।

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली दुनिया के सबसे सफल मिसाइल कार्यक्रमों में से एक है। भारत ने अपने निकटतम रणनीतिक सहयोगी रूस के साथ संयुक्त रूप से साझेदारी की है। दुनिया के सबसे अच्छे और सबसे तेज सटीक-निर्देशित हथियार के रूप में, ब्रह्मोस ने 21वीं सदी में भारत की प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत किया है। भारत-रूस संयुक्त उद्यम इकाई ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा डिजाइन और विकसित, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस अपनी शैली में सबसे बहुमुखी हथियार के रूप में विकसित हो चुकी है। इस उत्कृष्ट कार्य को आगे बढ़ाने के लिए, ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने मिसाइल के एक नए, अधिक उन्नत संस्करण – ब्रह्मोस-एनजी पर काम शुरू किया है। छोटे, हल्के और स्मार्ट आयामों वाली इस नई मिसाइल को भूमि, समुद्र, पानी के भीतर और हवा सहित आधुनिक सैन्य प्लेटफार्मों की एक विस्तृत संख्या पर तैनाती के लिए डिज़ाइन किया जाएगा। यह अगले कुछ वर्षों में भारतीय सेना की आधुनिक युद्ध क्षमता और लचीलेपन को बेहद मजबूत करेगा।

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