एससीओ बैठक : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले- आतंकवाद का समर्थन करना मानवता के खिलाफ

➡️ एससीओ ने 20 साल पूरे किए; एक सुरक्षित क्षेत्र बनाना साझा ज़िम्मेदारी

Uttarakhand

➡️ भारत ने अफगानिस्तान में 500 परियोजनाएं पूरी कीं; 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता दी

➡️ भारतीय सशस्त्र बलों और डीआरडीओ ने कोविड -19 की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

➡️ 94 देशों और संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों को टीके की 6.6 करोड़ खुराक उपलब्ध कराई गई

➡️ ‘वंदे भारत’ सेवा ने विदेशियों सहित फंसे हुए 70लाख से अधिक लोगों को संकट से बाहर निकालने में मदद की

नई दिल्ली

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आंतकवाद को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया. राजनाथ सिंह तजाकिस्तान के दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी भी तरह का आतंकवाद और आतंक को समर्थन करना फिर चाहे वो सीमा-पार से आतंकवाद हो या किसी और तरह से, और फिर चाहे वो कोई भी हो किसी भी इरादे से करता है, वो मानवता के खिलाफ अपराध करता है. रक्षा मंत्री ने भरोसा दिलाया कि भारत आतंकवाद के किसी भी स्वरूप के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है.

रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा, “भारत एससीओ के भीतर सुरक्षा क्षेत्र में विश्वास को मजबूत करने के साथ-साथ समानता, आपसी सम्मान और समझ के आधार पर द्विपक्षीय रूप से एससीओ भागीदारों के साथ संबंधों को मजबूत करने को उच्च प्राथमिकता देता है ।” उन्होंने कहा कि आज चुनौती केवल अवधारणाओं और मानदंडों की नहीं है, बल्कि उनको ईमानदारी से अमलीजामा पहनाने की भी है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एससीओ के देश यूरेशियन महाद्वीप का करीब तीन-पांचवें हिस्से को कवर करता है और हमारी पृथ्वी की लगभग आधी आबादी शामिल है. ऐसे में ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक स्थिर और सुरक्षित क्षेत्र बनाने में योगदान दें. उन्होनें कहा कि भारत इसी भावना से अफगानिस्तान की मदद करता है, जो दशकों से हिंसा और तबाही का सामना कर रहा है. अब तक भारत ने अफगानिस्तान में 500 परियोजनाएं पूरी की है और 3 बिलियन डॉलर की कुल विकास सहायता दी है.

रक्षा मंत्री ने कहा, “इसलिए हमारा इरादा और आकांक्षाएं पूरे क्षेत्र की समृद्धि और विकास की ओर केंद्रित हैं। हम क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास की हमारी राष्ट्रीय नीति के माध्यम से इस इरादे की पुष्टि करें जिसे आमतौर पर संक्षिप्त नाम ‘सागर’ से जाना जाता है।”उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा और स्थिरता देशों की प्रगति और आर्थिक विकासके लिए अनुकूल वातावरण बनाने के सबसे आवश्यक घटक हैं ।

एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर क्षेत्र बनाने और बनाए हुए रखने में मदद करने के लिए एससीओ ढांचे के भीतर काम करने के लिए भारत केसंकल्प को दोहराते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत एससीओ सदस्य-देशों के साथ साझेदारी करने की प्रतिबद्धताओं को दोहराता है ताकि व्यक्तिगत राष्ट्रीय संवेदनशीलता का सम्मान करने वाली संयुक्त संस्थागत क्षमता विकसितकी जा सके और इसके बीच भी लोगों, समाजों और देशों के बीच संपर्क, सहयोग और कनेक्टिविटी की भावना पैदा हो पाए।”

कोविड -19 महामारी का उल्लेख करते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा, “इसने राष्ट्रों, नागरिक समाजों तथा नागरिकों को कई तरह से प्रभावित किया है। यह इस बात की चेतावनी का संकेत है कि महामारी, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, जल सुरक्षा और संबंधित सामाजिक व्यवधान जैसी गैर-पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियां राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जगत को कैसे प्रभावित कर सकती हैं।”

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में कोरोना महामारी से लड़ने में देश की सेनाओं और डीआरडीओ की एक अहम भूमिका रही है. इसके अलावा भारत ने दुनिया-भर के देशों की महामारी से लड़ने में मदद की. भारत ने 90 देशों को करीब 6.6 करोड़ कोरोना-वैक्सीन की डोज़ मुहैया कराईं.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *