हरिद्वार कुंभ में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, विरोध में आया अखाड़ा परिषद

हरिद्वार:  धर्मनगरी हरिद्वार में कुंभ मेला मार्च में लगना है. इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की जा रही है। मगर कोरोना संक्रमण के चलते कुंभ के स्वरूप को लेकर संशय बना हुआ है। दूसरी ओर एक और विवाद कुंभ के लिए खड़ा हो गया है। सरकार द्वारा कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया है।

Uttarakhand

इसका विरोध अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने किया है। उनका कहना है कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करना संभव नहीं है, क्योंकि करोड़ों लोग कुंभ में आते हैं। वैसे भी हम ईश्वरी निमंत्रण दे रहे हैं तो कुंभ में आने वाला भगवान हुआ और भगवान लाइन में खड़े होंगे क्या।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि का कहना है कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालु कोरोना गाइडलाइन का पालन करें, लेकिन रजिस्ट्रेशन असंभव है। करोड़ों लोग कुंभ में आएंगे तो आप कहां तक रजिस्ट्रेशन करवाएंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले श्रद्धालुओं को ईश्वरी निमंत्रण भेज रहे हैं।

जिसको हम निमंत्रण भेजते हैं, वह भगवान स्वरूप होता है। तो आने वाला श्रद्धालु भगवान है तो उसको लाइन में थोड़े ही खड़ा करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को घबराने की जरूरत नहीं है। हरिद्वार आएं दर्शन और स्नान करें। कोरोना को सिर्फ हैव्वा बनाया जा रहा है।

इस पर उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि रजिस्ट्रेशन को जनरल नहीं किया है, सिर्फ कुंभ स्नान पर किया गया है। जब कुंभ का प्रमुख पर्व होगा, सिर्फ उसके लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। क्योंकि हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है कि कुंभ में आप कोरोना से बचाव के लिए क्या क्या कर रहे हैं। इसलिए इसकी आवश्यकता पड़ रही है।

रजिस्ट्रेशन के संबंध में कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि यह कोई नई प्रक्रिया नहीं है। यह तो उत्तराखंड में पहले से ही चली आ रही है। उन्होंने यह भी कहा है कि किसी भी जनपद में कोई भी बाहर का व्यक्ति अगर प्रवेश कर रहा है, तो उसका रजिस्ट्रेशन किया जाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *