चंबा। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय से राहत भरी खबर आई है। पूर्व में विवि से हटाए गए स्थानीय युवाओं को विवि प्रशासन ने दैनिक वेतन पर नियुक्ति देेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विवि के इस फैसलेे से क्षेत्र के लोग खासे उत्साहित है।
बता दे कि 7-8 वर्षो तक विवि में आउटसोर्स एवं दैनिक वेतन पर कार्यरत कर्मियों को दो साल पहले सेवा से हटा दिया गया था। नियमितीकरण करने, मानदेय बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलनरत कर्मचारियों को 30 सितंबर, 2019 को विवि प्रशासन ने सेवा से विरत कर दिया था। विवि प्रशासन का आरोप था कि हटाए गए कर्मचारियों ने विवि के उच्च अधिकारियों के आदेशों का उल्लंघन किया है। जिससे हटाए गए कर्मचारी आजीविका के संकट से जूझ रहे थे।
विवि के कुलपति डा. पीपी ध्यानी ने बताया कि पूर्व में हटाए गए कर्मियों ने उनके समक्ष आकर अपनी गलती को महसूस किया और भविष्य में कुछ भी अमर्यादित कार्य न करने का भरोसा दिया। फलस्वरूप कुलपति डा. ध्यानी ने सितंबर, 2020 में शासन से आउटसोर्स पदों के सृजन करने की मांग की। ताकि इन्हे पुन: नियुक्ति प्रदान की जा सके। शासन में यह प्रकरण अभी तक लंबित है।
विवि में मानव संसाधनों की अत्यधिक कमी को देखते हुए कुलपति डा. ध्यानी द्वारा कार्य परिषद में दैनिक श्रमिक की दरों पर कार्मिकों को रखने का प्रस्ताव रखा गया। जिसे कार्य परिषद ने ध्वनीमत से पारित किया था। कुलपति ध्यानी ने बताया कि जिन 16 कर्मियों की पूर्व में सेवाएं समाप्त की जा चुकी थी उन्ही को दूसरी बार रोजगार देने का अवसर प्रदान कर दिया है। जिसका स्थानीय लोगों ने कुलपति डा. ध्यानी की इस मानवीय पहल का स्वागत किया है।
कुलपति डा.ध्यानी ने कहा कि उनका प्रयास श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि को आदर्श विवि बनाने का है। बताया चंद्रबदनी नैखरी महाविद्यालय को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा पर विवि का कैंपस बनाने की प्रक्रिया गतिमान है। चंद्रबदनी नैखरी परिसर को उत्तराखंड का सर्वश्रेष्ठ परिसर बनाया जाएगा।