जयंती पर कस्तूरबा गांधी और कुमार गंधर्व को किया याद दून लाईब्रेरी में गांधी दास्तान और कबीर गायन कार्यक्रम का हुआ आयोजन

प्रदीप बहुगुणा
देहरादून। दून लाईब्रेरी में रविवार को गांधी दास्तान और कबीर गायन कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम का आयोजन दून लाईब्रेरी एन्ड रिसर्च सेंटर और हिन्द स्वराज मंच ने संयुक्त रूप से किया था। कार्यक्रम में कबीर गायक वेदांत भारद्वाज व किस्सागो या दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी ने श्रोताओं तीन घंटे से भी अधिक समय तक बांधे रखा।

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हिन्द स्वराज मंच की डॉ. रेणु शुक्ल ने कहा कि 8 अप्रैल को कुमार गंधर्व और 11 अप्रैल को कस्तूरबा गांधी की जयंती है। ऐसे में दोनो को संयुक्त तौर पर याद करते कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होने कहा कि यह दिवस कुमार गंधर्व की शताब्दी की भी शुरूआत है।

कस्तूरबा के जीवन की कुछ घटनाओं को याद करते हुए रेखांकित किया कि कस्तूरबा का एक अद्भुत व्यक्तित्व था जो उन्हे व्यक्तिगत तौर स्वतंत्र होते हुए उन्हे गांधीजी की सही अर्थों में सहचरणी बनाता है।

चेन्नई निवासी, वेदांत भारद्वाज गायक व संगीतकार हैं जो ज्यादाकर भक्ति व सूफी परम्पराओं के संत कवियों को गाना पंसद करते हैं और उन्होने देश-विदेश में प्रस्तुतियां दी हैं और रंगमंच व डॉक्यूमैन्टरी फिल्मों के लिए भी संगीत दिया है और वे अपने यहां आर्थिक दृष्टि से कमजोर बच्चों के साथ भी काम करते हैं।

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लखनऊ के हिमांशु बाजपेयी की गिनती देश के चुनिंदा दास्तानगों में होती है। भूतपूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हे सम्मानित किया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपने मन की बात में उनका जिक्र किया है। हिमांषु देश -विदेश में 300 से ज्यादा दास्तानगोई कार्यक्रम कर चुके हैं। बाजपेयी लेखक-कवि भी हैं और इनकी किताब ‘किस्सा-किस्सा लखनऊवा’, को ‘साहित्य अकादमी युवा पुरुस्कार 2001’’ मिला और वह बेस्ट सेलर बुक रही है।

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कार्यक्रम में दोनों ने ‘दास्तान गांधी अभय की’ व कबीर की कई रचनाओं का गायन किया। कार्यक्रम का संचालन हिन्द स्वराज्य मंच के पूरन बर्त्वाल ने किया। इस अवसर पर पर्यावरणविद डॉ.रवि चोपड़ा, पूर्व सचिव विभापुरी दास, कमला पन्त, बसन्ती मठपाल, दून पुस्तकालय के चन्द्रशेखर तिवारी, जगदीश महर, सुंदर बिष्ट, जगदीश बाबला, जनकवि डॉ.अतुल शर्मा, विभूति भूषण भट्ट, अनिल भारती सहित शहर के अनेक बुद्धिजीवी, लेखक, चिंतक व युवा पाठक उपस्थित थे।

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