हम अक्सर अमीर-गरीब, कम-ज्यादा जैसी चीजें अपनी समझ से तौलते हैं। वो कहा गया है जिसकी जैसी सोच। आप किसी चीज के लिए जो नजरिया रखेंगे वो वैसी ही हो जाएगी। ये कहानी आपको इस बात को समझने में मदद करेगी।
एक बार एक अमीर आदमी अपने सबसे छोटे बेटे को गांव दिखाने ले गया, ताकि वह जान सके कि गांव में गरीब लोग कैसे रहते हैं। पिता-पुत्र दोनों ने शहर से बाहर और गांव के नजदीक अपने फार्म हाऊस में कुछ समय बिताया। फार्म हाऊस के सामने ही एक गरीब परिवार रहता था। फार्म हाऊस में कुछ समय बिताने के बाद दोनो पिता-पुत्र वापस शहर लौटने लगे। लौटते समय पिता ने पुत्र से पूछा कि ‘ बेटा यात्रा कैसी रही? ‘
बेटे ने जवाब दिया कि मैंने देखा कि हमारे पास तो एक ही कुत्ता है, जबकि उनके पास चार कुत्ते हैं। हमारे घर का स्वीमिंग पुल काफी छोटा है, जबकि वह बड़ी नहर में नहाते हैं। हमारे बगीचे में महंगे लालटेन लगे हैं, जबकि वह तारों भरे आकाश को देख सकते हैं। हमारे घर से दूर का कुछ भी दिखाई नहीं देता है, जबकि वह दूर के पहाड़ों को आसानी से देख सकते हैं।
हमारे यहां नौकर हमारा ख्याल रखते हैं, जबकि उनके यहां पर सभी एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं। हम अपने खाने-पीने का सामान खरीदते हैं, लेकिन वह अपने खाने का सामान खुद उगाते हैं। हमारे घर की सुरक्षा के लिए चारदीवारी और चौकीदार हैं, जबकि उनके घर की रखवाली उनके दोस्त करते हैं।