पंडित हर्षमणि बहुगुणा
आज रूप चतुर्दशी (छोटी दीपावली) का पर्व मनाया जा रहा है। आज यमराज जी अथवा धर्मराज जी के निमित्त सांय के समय दीपक जलाने का विधान है और उनसे अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वस्थ जीवन की कामना की जाती है। इस प्रकार भारत वर्ष में रूप चतुर्दशी का यह पर्व यमराज के प्रति दीप प्रज्ज्वलित कर, यम के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए मनाया जाता है।
दीपदान और यम पूजन का महत्व
स्कंद पुराण के मुताबिक कार्तिक महीने की चतुर्दशी तिथि पर धर्मराज यम को प्रसन्न करने के लिए सूर्यास्त के बाद दक्षिण दिशा में यम पूजा और दीपदान करना चाहिए। ऐसा करने से यमराज प्रसन्न होकर अच्छी सेहत और लंबी उम्र का आशीर्वाद देते हैं। यम पूजा और दीपदान से कभी अकाल मृत्यु नहीं होती है। साथ ही जाने-अनजाने में किए गए हर तरह के पाप भी खत्म हो जाते हैं। जिससे परिवार पर किसी भी तरह की विपत्ति नहीं आती।