साहित्य सम्मेलन को बनाया जाएगा भव्य, तैयारियां पूरी

बागेश्वर।

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राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन इस बार जिले में हो रहा है। तीन दिवसीय आयोजन स्थानीय नरेंद्रा पैलेस में होगा, जिसको लेकर साहित्य प्रेमियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सम्मेलन को भव्य बनाने का निर्णय लिया है। देश के कोने-कोने से इसमें कुमाऊं भाषा के मर्मग्य पहुंचेंगे। इसके लिए लोगों को जिम्मेदारी भी सौंपी गई।

बागनाथ मंदिर परिसर में आज रविवार को हुई बैठक में 25 से 27 दिसंबर तक आयोजित राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन को लेकर मंथन हुआ। जिसमें भोजन और निवास पर चर्चा हुई। अन्य राज्यों से आने वाले कुमाऊंनी साहित्य प्रेमियों के लिए स्थानीय होटल व्यावसायी रहने और भोजन आदि की व्यवस्था करेंगे।

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अभी तक बाहर से आने वालों में राजेंद्र बोरा, त्रिभुवन गिरी महाराज, दीवान कनवाल, जगदीश जोशी आदि लखनऊ, घनानंद पांडे उर्फ मेघ, डा. हयात सिंह रावत आदि सम्मेलन में आ रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों से भी कुमाऊंनी साहित्यकारों को आमंत्रित किया गया है। सम्मेलन में कुमाऊंनी भाषा की प्राचीनता, साहित्य कुमाऊंनी को आठवीं अनुसूचि में शामिल करना, कुमाऊंनी को शिक्षा में शामिल करने आदि पर चर्चा होगी। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम, काव्य सम्मेलन होगा।

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कुमाऊंनी के विविध विधाओं में लिखने वाले छह साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान देवकी लघु वाटिका मंडलसेरा में कुमाऊंनी साहित्य का पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा। बैठक में किशन सिंह मलड़ा, डॉ. कुंदन रावत, प्रेम प्रकाश उपाध्याय ‘नेचुरल’ दीप पांडे, विनोद प्रकाश टम्टा, रविंद्र कुमार कोहली, प्रदीप राठौर, चरण सिंह बघरी, मोहन सिंह धामी, प्रशांत पांडे, भास्कर नेगी, भूपेश कनवाल, विनोद उपाध्याय, महिपाल, शोबन सिंह धामी, पवन कुमार, आकाश कुमार, जगदीश दफौटी आदि मौजूद थे।

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