हिमशिखर ब्यूरो
नई टिहरी
मोबाइल और कम्प्यूटर के गेम में उलझे बच्चों को किताबों के प्रति आकर्षित करने के लिए जिले के एक शिक्षक ने अनोखी पहल की है। जहां चाह है वहां राह है, इस सोच को साकार कर दिखाते हुए जीआईसी जाजल के अध्यापक ने अपने प्रयास से बेरगणी गांव में ग्राम पुस्तकालय का निर्माण किया है। इस पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अध्ययन सामग्री रखी गई है, जिससे गांव के बच्चों को किताबी ज्ञान अर्जित कर सपनों को पंख देने में मदद मिल सकेगी।
विकासखण्ड नरेंद्रनगर के जीआईसी जाजल में अंग्रेजी विषय के शिक्षक हैं लक्ष्मण सिंह रावत। उन्होंने अपने गांव विकासखण्ड थौलधार के बेरगणी गांव में युवा पीढ़ी को पुस्तकों के अनमोल ज्ञान से लाभान्वित करने के लिए अपने संसाधनों से ग्राम पुस्तकालय की स्थापना कर नई मिशाल पेश की है। सोमवार को रिटायर्ड प्रधानाचार्य लोहिताक्ष देव थपलियाल और पूर्व प्रधानाध्यपक भगवान सिंह रावत ने संयुक्त रूप से लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। शिक्षक के इस प्रयास की पूरे गांव के लोगों ने प्रशंसा की है।
शिक्षक लक्ष्मण सिंह रावत का कहना है कि पुस्तकें मनुष्य की सच्ची मित्र होती हैं, लेकिन आज की युवा पीढ़ी पुस्तकों के अनमोल ज्ञान से दूर होती जा रही है। कहते हैं कि इंटरनेट मीडिया पुस्तकों का स्थान नहीं ले सकता। किताबें वास्तव में हमारे सच्चे मार्ग दर्शक व मित्र हैं। लाइब्रेरी में ज्ञानवर्धक पुस्तकें, कहानियां, अखबार, पत्रिकाएं रखे गए हैं। जिससे बच्चों का बौद्धिक विकास होने के साथ ही किताबों के प्रति रूझान बढ़ सके। साथ ही गांव के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। बच्चों को यह सुविधा निशुल्क दी जाएगी। लाइब्रेरी में 500 से अधिक पुस्तकों का अच्छा खासा बैंक तैयार हो गया है। इस मौके पर सोहन सिंह रावत, अजयपाल रावत, विनोद रावत, युद्धवीर रावत आदि ने शिक्षक की पहल का स्वागत किया है।
लाइब्रेरियन का जिम्मा संभाला बेटियों ने
पुस्तकालय संचालन की जिम्मेदारी इंटरमीडिएट उतीर्ण कर चुकी गांव की दो बेटियों ने स्वेच्छा से संभाल ली है। पुस्तकालय में आने वाले हर बच्चे को दोनों बेटियां विषय के हिसाब से पुस्तकें उपलब्ध करवाएंगी। साथ ही पुस्तकालय में पुस्तकों का भी रख-रखाव करेंगी।