सायक दत्ता को मिला पहला पीके सेन पुरस्कार

प्रदीप बहुगुणा
देहरादून। विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्य वन सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी सायक दत्ता को पहला पीके सेन संरक्षण पुरस्कार प्रदान किया गया।

Uttarakhand

समारोह का आयोजन केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून में किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डा. महेश रंगराजन ने कहा कि यह राज्य वन सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियो को वन्य जीवन में ज्ञान और कौशल विकसित करने के लिए प्रेरित करेगा।

पीके सेन पुरस्कार स्वर्गीय प्रशांत कुमार सेन (4 अगस्त 1941-2 मई, 2021) जो झारखंड कैडर के एक भारतीय वन सेवा अधिकारी की स्मृति में स्थापित किया गया हैं। उन्होंने भारतीय वन सेवा में एक शानदार करियर से सेवानिवृत्ति के बाद भी भारत के वन्य जीव और उनके आवासों की रक्षा करने का प्रयास किया।

उनकी सेवा को उनकी तारकीय अखंडता, संतुलन, प्रबंधन, करुणा और संरक्षण के प्रति एक अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम परिचय ने अमर कर दिया है। जब बात प्राकृतिक विरासत के लिए खतरों पर अपनी चिंताओं को व्यक्त करने की आई, चाहे वह सरकार में रहें हों या बाहर, अपने स्पष्टवादी और मुखर शब्दों से उन्होंने हमेशा व्यक्त की थी। वह पूरे देश में संरक्षण के प्रयासों के लिए एक प्रेरक शक्ति बने रहे और अपने पूरे करियर के दौरान उन्होंने कई वन कर्मचारियों का मार्गदर्शन भी किया।

बाघ संरक्षण के क्षेत्र में किए गए उनके प्रयासों के लिए भारत सरकार ने उन्हें चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्मश्री से सम्मानित किया। उन्होंने WWF-इंडिया के टाइगर एंड वाइल्ड लाइफ डिवीजन में निदेशक के रूप में भी काम किया। इसके अलावा, वह भारत सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर (1973) के निदेशक रहे और एनटीसीए के प्रमुख भी रहे। उन्होंने TRAFFIC-India का विभिन्न क्षेत्र स्तरीय गतिविधियों में मार्गदर्शन किया।

पी.के.सेन की विरासत व अमूल्य योगदान को संरक्षित करने व आगे ले जाने के लिए, WWF-इंडिया ने केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून के लिए ‘पी.के. सेन संरक्षण पुरस्कार को प्रस्तावित किया है। उनकी स्मृति में शुरू किया गया पुरस्कार न केवल प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के दौरान अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा बल्कि उनमें संरक्षण के मूलभूत आदर्शों को प्राप्त करने की प्रतिबद्धता भी समाहित करेगा। यह पुरस्कार राज्य वन सेवा (एसएफएस) के अधिकारी प्रशिक्षुओं को उनके करियर में वन्यजीव प्रबंधन और संरक्षण के लिए जुनून विकसित करने के लिए प्रोत्साहित भी करेगा।

डॉ० महेश रंगराजन, अशोका विश्वविद्यालय सोनीपत में पर्यावरण अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। इस अवसर पर श्भारत ज्योति, निदेशक, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून, धनंजय मोहन, अनुराग भारद्वाज, निदेशक, वन शिक्षा, देहरादून मीनाक्षी जोशी,प्रधानाचार्या, केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून, डॉ० साकेत बडोला, अनिल कुमार सिंह, पी.के.सेन परिवार के सदस्य एवं केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून के सभी संकाय सदस्य उपस्थित थे।

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