पंडित उदय शंकर भट्ट
शनि आज से लेकर 23 अक्टूबर 2022 तक अपनी उल्टी चाल चलेंगे। इस दौरान शनि कई राशि वालों पर अपना कहर बरपाते नजर आएंगे। हालांकि शनि की इस चाल से कुछ राशि वालों को लाभ भी मिलेगा। लेकिन अधिकतर राशियां ऐसी ही रहेंगी जिन्हें शनि के वक्री होने के दौरान तमाम कष्ट झेलने पड़ेंगे। शनि जब भी वक्री होते हैं तो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव शनि साढ़े साती से पीड़ित राशियों पर पड़ता है।
न्यायाधीश है शनि :
मान्यता है कि सूर्य है राजा, बुध है मंत्री, मंगल है सेनापति, शनि है न्यायाधीश, राहु-केतु है प्रशासक, गुरु है अच्छे मार्ग का प्रदर्शक, चंद्र है माता और मन का प्रदर्शक, शुक्र है- पति के लिए पत्नी और पत्नी के लिए पति तथा वीर्य बल। जब समाज में कोई व्यक्ति अपराध करता है तो शनि के आदेश के तहत राहु और केतु उसे दंड देने के लिए सक्रिय हो जाते हैं। शनि की कोर्ट में दंड पहले दिया जाता है, बाद में मुकदमा इस बात के लिए चलता है कि आगे यदि इस व्यक्ति के चाल-चलन ठीक रहे तो दंड की अवधि बीतने के बाद इसे फिर से खुशहाल कर दिया जाए या नहीं।
शनिदेव के उपाय
– शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। शनिदेव मंदिर जाकर शनिदेव को तेल अर्पित करें। ध्यान रखें कभी भी मूर्ति के सामने खड़े न हों, बल्कि बाजू से दर्शन कर तेल चढ़ाएं।
– शनि चालीसा का पाठ करें।
– काली तिल, उड़द और काले कपड़े का दान करें।
– कटोरे में तेल लें और उसमें अपना मुख देखें। फिर कटोरे सहित तेल को शनि मंदिर में रख आएं। इस तरह छाया दान करने से लाभ होगा। गाय और कुत्ते को भोजन पानी की व्यवस्था कराएं।