दिवाली का पर्व रोशनी का पर्व है। इस दिन दीपक जलाकर मां लक्ष्मी का आह्वान किया जाता है। इसलिए दीपक जलाते समय नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
पंडित उदय शंकर भट्ट
दीपक जलाकर रोशनी की जाती है। प्रकाश अंधकार को दूर करता है। जीवन में किसी प्रकार का अंधकार नहीं होना चाहिए. दीपावली पर दीपक जलाने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति भगवान के सामने सच्चे मन से सिर्फ एक दीपक भी जलाता है तो उससे भी देवता खुश हो जाते हैं। दीपावली पर खासतौर पर मिट्टी के दीपक जलाना चाहिए। मिट्टी का दीपक पंचतत्वों से मिलकर बना होता है। इसे बनाने में धरती, आकाश, पानी, अग्नि और वायु का उपयोग होता है।
सकारात्मक ऊर्जा देता है दीपक
दीपावली की पूजा में गाय का घी दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इससे घर में सुख, समृद्धि आती है।जबकि वास्तु नियमों के अनुसार अखंड दीपक भी आप अगर पूजा घर में जलाते हैं तो जीवन में खुशियों का आगमन होता है। गाय के घी का का दीपक जलाने से आस-पास का वातावरण शुद्ध हो जाता है।
कहां कौन सा दीपक लगाएं
दीपावली पर लक्ष्मी पूजा में घी का दीपक अपने बाएं हाथ की ओर, तेल का दीपक अपने दाएं हाथ की ओर जलाना चाहिए। ध्यान रखें कि पूजा के बीच में दीपक बुझना नहीं चाहिए। दीपक भगवान की प्रतिमा के ठीक सामने लगाना चाहिए। अगर दीपक बुझ जाए तो भगवान से क्षमा मांगते हुए फिर से जला देना चाहिए।
घी के दीपक में लगाएं रुई की बत्ती
पूजा में जो दीपक खंडित हो जाए, उसे जलाना नहीं चाहिए। दीपक ही नहीं, बल्कि अन्य कोई भी खंडित चीज पूजा में उपयोग न करें। पूजा के लिए खंडित सामग्री शुभ नहीं मानी जाती है। घी के दीपक के लिए सफेद रुई की बत्ती उपयोग किया जाना चाहिए।
दीपक जलाते समय इस मंत्र का जाप करें
दीपक जलाते समय इस मंत्र का जाप करें- शुभम करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते।।
मान्यता है कि इस मंत्र के जाप के साथ दीपक जलाने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और वास्तु दोष दूर होते हैं। घर के आसपास नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव खत्म होता है।