भारतीय सिनेमा और दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत को फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा अवार्ड दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। आज केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी घोषणा की। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी।
हिम शिखर ब्यूरो
नई दिल्ली
दक्षिणी फिल्मों के सुपर स्टार रजनीकांत को फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा अवार्ड दादा साहेब फाल्के अवार्ड मिलेगा। आज केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने बताया कि रजनीकांत को 51 वां दादा साहेब फाल्के अवार्ड 3 मई को दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘‘भारतीय सिनेमा के इतिहास के सबसे महान अभिनेताओं में से एक के लिए दादा साहेब फाल्के पुरुस्कार 2019 की घोषणा करने पर बहुत खुश हूं। पांच सदस्यों की ज्यूरी ने एकमत से इसकी सिफारिश की है। ज्यूरी में आशा भोंसले, सुभाष घई, मोहन लाल, शंकर महादेवन और विश्वजीत चटर्जी शामिल थे।’’
सिनेमा में शानदार योगदान के लिए अभी तक ये अवार्ड 50 बार अलग-अलग हस्तियों को दिया जा चुका है। अब 51 वां अवार्ड सुपर स्टार रजनीकांत को दिया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण इस बार सभी पुरुस्कारों की घोषणा देरी से हुई है। हाल ही में नेशनल अवार्ड की भी घोषणा की गई थी।
साउथ में मिला है ‘भगवान का दर्जा’
12 दिसंबर 1950 को रजनीकांत का जन्म बेंगलुरु के मराठी परिवार में हुआ था। गरीब परिवार में जन्मे रजनीकांत ने अपनी मेहनत और कड़े संघर्ष की बदौलत बाॅलीवुड में काफी नाम कमाया। साउथ में तो उनके फैंस उन्हें थलाइवा और भगवान कहते हैं।
25 साल की उम्र में की थी फिल्मी करियर की शुरूआत
रजनीकांत ने 25 साल की उम्र में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। उनकी पहली तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागनगाल’ थी। इस फिल्म में उनके साथ कमल हासन और श्रीविद्या भी थी। 1975 से 1977 के बीच उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में कमल हासन के साथ विलेन की भूमिका ही की। लीड रोल में उनकी पहली तमिल फिल्म 1978 में ‘भैरवी’ आई। फिल्म काफी फिट रही और रजनीकांत स्टार बन गए।
80 के दशक में रखा बाॅलीवुड में कदम
रजनीकांत ने 1983 में फिल्म ‘अंधा कानून’ से बाॅलीवुड में कदम रखा। इस फिल्म में उनके अभिनय को दर्शकों ने काफी पसंद किया। इसके बाद रजनीकांत ने जीत हमारी, मेरी अदालत, वफादार, गिरफ्तार, असली नकली, हम और बुलंदी सहित कई फिल्मों में काम किया।