पंडित हर्षमणि बहुगुणा
आज वैकुण्ठ चतुर्दशी का पावन व्रत और कल व्रत की पूर्णिमा रहेगी। वैकुण्ठ चतुर्दशी का व्रत शैव और वैष्णवों की पावन पारस्परिक एकता के साथ भगवान विष्णु और शिव के ऐक्य का प्रतीक भी है। इस दिन दिनभर व्रत रख कर रात्रि में भगवान विष्णु की कमल-पुष्पों (जहां कमल पुष्प न हों वहां अन्य फूलों से) से पूजा करनी चाहिए उसके बाद भगवान शिव की यथा विधि पूजा की जाती है। दूसरे दिन भगवान शिव की पुनः पूजा कर ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए तदनन्तर स्वयं भोजन करना चाहिए।
कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी ‘वैकुण्ठ चतुर्दशी’ व कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी ‘नरक चतुर्दशी’ कहलाती है। नरक चतुर्दशी के अधिपति यमराज व वैकुण्ठ चतुर्दशी के अधिपति भगवान विष्णु हैं। कहा गया है कि —
विना यो हरिपूजां तु कुर्याद् रुद्रस्य चार्चनम्।
वृथा तस्य भवेत्पूजा सत्यमेतद्वचो मम ।।
भगवान विष्णु ने शिव पूजन में एक हजार कमल पुष्पों को अर्पित करने का संकल्प लिया था, भगवान शिव ने एक कमल पुष्प हरण कर लिया अतः भगवान विष्णु ने अपना नेत्र ‘कमल नयन, पुण्डरीकाक्ष’ यह सोच कर कि मुझे कमल नयन कहते हैं, अर्पित करना चाहा। इस अगाध श्रद्धा से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हये व कहा कि प्रभो! आज कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी है, यह तिथि वैकुण्ठ चतुर्दशी के नाम से जानी जाएगी और इस दिन व्रत रखकर जो पहले आपको पूजेगा व फिर मेरा पूजन करेगा उसे वैकुण्ठ लोक की प्राप्ति होगी और भगवान विष्णु को एक सुदर्शन चक्र भी प्रदान किया। ‘
‘इस दिन तीन सौ साठ घृत बत्तियों को रात के समय शिवालय में प्रज्वलित कर चढ़ा कर, अर्पित कर सम्पूर्ण वर्ष को प्रकाशित किया जाता है।’
आज 25 नवंबर का पंचांग
आज 25 नवंबर 2023, शनिवार का दिन है। पंचांग के अनुसार, आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि शाम 05 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी की शुरुआत हो जाएगी। आज के दिन ही लोग बैकुंठ चतुर्दशी का व्रत रखेंगे।
आज का उपाय : आज शनि चालीसा का पाठ करें और काला तिल, जूता, चप्पल आदि का दान किसी जरुरमंद को करें। मंदिर में जाकर गाय के घी से दीपक जलाएं।
तिथि | त्रयोदशी | 17:22 तक |
नक्षत्र | अश्विनी | 14:55 तक |
प्रथम करण द्वितिय करण |
तैतिल गर |
17:22 तक 28:35 तक |
पक्ष | शुक्ल | |
वार | शनिवार | |
योग | वारीयन | 27:52 तक |
सूर्योदय | 06:51 | |
सूर्यास्त | 17:23 | |
चंद्रमा | मेष | |
राहुकाल | 09:29 से 10:48 | |
विक्रमी संवत् | 2080 | |
शक सम्वत | 1944 | |
मास | कार्तिक | |
शुभ मुहूर्त | अभिजीत | 11:46 − 12:28 |